उत्तर प्रदेशकुशीनगर

कुशीनगर:परीक्षा के पहले दिन ही बोर्ड की गाइडलाइन को DIOS ने उड़ायीं धज्जियां

🔴 डीएम और सचिव परीक्षा बोर्ड पर भारी पडा डीआईओएस का मनमानापन
🔴 संकलन केन्द्र पर जमा बण्डल खुलवाकर   हिन्दी व हिन्दी सामान्य विषय का उत्तरपुस्तिका अलग कराने का मामला
🔴 डीआईओएस श्रवण कुमार का एक और कारनामा आया सामने

🔴 हिंदुस्तान संदेश /संजय चाणक्य की रिपोर्ट….

कुशीनगर। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के भागीरथ प्रयास व सख्त निर्देश और माध्यमिक शिक्षा परिषद के गाइडलाइन के बावजूद कुशीनगर में संचालित बोर्ड परीक्षा की सुचिता व पारदर्शिता यहां के शिक्षा विभाग के हुक्मरान के मनमानेपन की भेट चढ़ गयी। बात चाहे अशोक विद्यापीठ में  रिजर्व पेपर से परीक्षा कराने का मामला हो या फिर जनता इंटरमीडिएट कालेज का उत्तर पुस्तिका गायब होने की घटना। विभागीय गलियारों में इस बात की खूब चर्चा है कि बोर्ड परीक्षा ने डीआईओएस के कार्य क्षमता को फ्लोर साबित कर दिया है।

डीआईओएस द्वारा बोर्ड परीक्षा के पहले दिन संकलन केन्द्र पर एक ही बण्डल मे जमा दो पेपर के उत्तर पुस्तिका का बण्डल खुलवाने का एक और सनसनीखेज एक  मामला सामने आया है। हालाकि डीआईओएस ने बडी ही निर्लज्जता इस बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि कुछ अराजक तत्व बदनाम करने का प्रयास कर रहे है जबकि सूत्रो का दावा है कि संकलन केंद्र पर लगे सीसीटीवी कैमरा मे डीआईओएस का करतूत कैद है।

बतादे कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा संचालित बोर्ड का शुभारंभ पूरे प्रदेश मे 24 फरवरी को हुआ था। सूत्र बताते है कि बोर्ड परीक्षा के पहले दिन यानी कि 24 फरवरी को कुशीनगर जनपद के खड्डा स्थित किलानी देवी इंटरमीडिएट कालेज केन्द्र पर संपन्न हुए इंटर के हिन्दी ( कोड संख्या 301) व सामान्य हिन्दी (कोड संख्या 302) विषय की परीक्षा का उत्तर पुस्तिका केन्द्र व्यवस्थापक के लापरवाही के कारण एक ही बण्डल में बाधकर पडरौना स्थित उदित नारायण इंटरमीडिएट कालेज मे बने संकलन केन्द्र पर जमा कर दिया गया। सूत्र बताते है कि जब परीक्षा केन्द्र व्यवस्थापक को अपनी लापरवाही का एहसास हुआ तो संकलन केन्द्र प्रभारी के जरिए जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्त को मामले की जानकारी दी गयी।

सूत्रो का कहना है कि  परीक्षा के पहले दिन जब डीआईओएस को इतनी बडी लापरवाही की जानकारी हुई तो वह अपने कार्यालय के दो लिपिक व एक सिपाहसलार को साथ लेकर संकलन केन्द्र बने उदित नारायण इंटरमीडिएट कालेज पहुचें और संकलन केन्द्र प्रभारी के साथ मिलकर एक ही बण्डल में रखे गये हिन्दी 301 व हिन्दी सामान्य 302 का उत्तर पुस्तिका अलग-अलग बण्डलो मे कराकर जमा कराया जो नियम विरुद्ध है। डीआईओएस का यह कारगुजारी वहा लगे तीसरी आंख मे कैद है जैसा कि सूत्रो का दावा है। इस दावे मे कितनी सच्चाई है यह दिनांक 24 फरवरी-2025 के सांयकाल छह बजे से रात्रि आठ बजे के बीच सीसीटीवी टीवी कैमरा मे कैद दृश्य को खलागने के बाद ही स्पष्ट जायेगा।

क्या है नियम
जानकारो की माने तो ऐसी स्थिति मे डीआईओएस को सर्वप्रथम जिलाधिकारी व सचिव बोर्ड गोरखपुर को पूरे मामले से अवगत  करायेगे। इसके जिलाधिकारी द्वारा मजिस्ट्रेट के नेतृत्व मे टीम गठित कर संकलन केन्द्र पर जमा किये गये बण्डल को खोलकर उसमे रखे गये कोड संख्या 301 व कोड संख्या – 302 का उत्तर पुस्तिका अलग-अलग बण्डल मे रखकर पुन: संकलन केन्द्र पर जमा किये जाने का नियम है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बोर्ड के नियम को ताक पर रखकर जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्त न तो जिलाधिकारी को मामले से अवगत कराया और न ही संकलन केन्द्र पर जमा किये गये बण्डल को खुलवाने के लिए डीएम से अनुमति लिया, जो न सिर्फ डीआईओएस के कार्य प्रणाली पर बडा सवाल बना हुआ है बल्कि इनके मनमानेपन का जीता-जागता प्रमाण है।

बोले जिम्मेदार
इस संबंध मे जिला विद्यालय निरीक्षक श्रवण कुमार गुप्त से उनके सरकारी मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क कर पूरे मामले से अवगत कराते हुए उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होने बडी ही निर्लज्जता व बेरुख़ी से जबाब देते हुए कहा कि कुछ अराजक तत्व बदनाम करने की कोशिश कर रहे है आपने बता दिया, दिखता हू। अब सवाल यह उठता कि डीआईओएस क्या दिखवायेगे जबकि खुद वो ही इस खेल के खिलाडी है।

इसी कडी में संकलन केन्द्र प्रभारी /उदित नारायण इंटरमीडिएट कालेज के प्रधानाचार्य अरविन्द सिंह से बात किया गया तो उन्होने कहा कि बण्डल खुलवाया नही गया है। एक ही बण्डल में दोनो उत्तर पुस्तिका जमा कर लिया गया है। यह पूछे जाने पर कि अलग नही कराया गया तो फिर कापी जांच के दौरान दिक्कत नही होगी तो  उन्होने बताया कि 301 कोड संख्या पर ही बण्डल जमा कर लिया गया 302 कोड पर शून्य दिखा दिया जायेगा जहां कापियां जायेगी वहा दोनो  उत्तर पुस्तिकाओं की जांच हो जायेगी।

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