
किसी की याद में बैठी है शकुन्तला कोई, किसी के याद में बैठा है दुष्यन्त – डॉ. विजय कुमार मधुरेश
गाजीपुर। काव्य महाकुंभ एवं स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन मिशन जामवंत से हनुमानजी के राष्ट्रीय संयोजक सूर्य कुमार सिंह के प्रमुख संयोजन एवं अखिल भारतीय लेखक कवि कलाकार परिषद् के संस्थापक कवि इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक के संयोजन/ संचालन में साहित्य चेतना समाज के संस्थापक कवि अमरनाथ तिवारी अमर के अध्यक्षता में औषधि पण्डित रंगबहादुर सिंह मुख्य अतिथि, डॉ. विजय कुमार मधुरेश एवं नाट्य रंगकर्मी विजय कुमार गुप्ता अतिविशिष्ट अतिथि, पूर्व सेना अधिकारी बृजेन्द्र दुबे एवं दिनेश शर्मा विशिष्ट अतिथि द्वय के गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। स्वागत संयोजन प्रोफेसर रणविजय सिंह ने किया।
मिशन जामवंत से हनुमानजी के गाजीपुर जिला संयोजन में कवि सम्मेलन में कवि इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक ने मंगलाचरण, स्वागत गान करते हुए इन्द्रजीत तिवारी निर्भीक ने कहा कि स्वागतम् -स्वागतम् स्वागतम् हम सुनाए कि हम सब कितना खुश हैं ये कैसे बताएं, बड़ी शुभ घड़ी है, अतिथि आप सब हैं आज आये,कि हम सब कितना खुश हैं ये कैसे बताएं, डॉ.विजय कुमार मधुरेश ने कहा कि किसी के याद में बैठी है शकुन्तला कोई, किसी के याद में बैठा है दुष्यन्त कोई, दिनेश शर्मा ने कहा कि किसी भी हाल में डरना नहीं प्रियतम, बात ईमान की आयेगी तो मर जाना है, डॉ. विजय नारायण तिवारी ने कहा कि एके केतनों कहीला बुझात नईखे, हमके कहले बिना रहल जात नईखे, नाट्य रंग कर्मी विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि सुन ले ओ पाकिस्तान अगर मेरे हिन्दुस्तान के तरफ़ गलत निगाह से देखने की जुर्रत किया तो परिणाम अत्यंत भयानक होगा सुनाकर जोश भरा।आयोजन अध्यक्ष कवि अमरनाथ तिवारी अमर ने कहा कि बनके रहना पति के चरणों की दासी, घर को बनाना स्वर्ग और घर वालों को स्वर्गवासी सुनाकर लोट-पोट कर दिया। प्रमुख संयोजक सूर्यकुमार सिंह ने कहा कि साहित्यिक क्षेत्र के साथ -साथ सभी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को अश्लीलता, फ़ूहड़पन भरा कुछ भी सार्वजनिक रूप से नहीं करना चाहिए। इसके लिए हम सबको स्वयं कृत संकल्पित होकर हर जन -जन को जागृत करने की जरूरत है।
आयोजन के अन्त में गाजीपुर काव्य महाकुंभ स्मृति सम्मान भेंट कर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को सम्मानित किया गया। प्रोफेसर बालेश्वर विक्रम की असामयिक मृत्यु से दुखित लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त किया।