एजुकेशन

राष्ट्र केवल लोगों का समूह नहीं, यह साझी संस्कृति, विरासत व मूल्यों से बंधी इकाई-डॉ. कृष्णानंद

वीकेएम का सात दिवसीय एनएसएस शिविर

वाराणसी। वसंत कन्या महाविद्यालय वाराणसी द्वारा सात दिवसीय विशेष एनएसएस शिविर का आयोजन राजकीय प्राथमिक विद्यालय, छित्तूपुर खास, बीएचयू में किया गया। पहले दिन आत्म-अनुशासन, स्वस्थ जीवन शैली प्रशिक्षण, स्वास्थ्य और राष्ट्र निर्माण के लिए मूल्यवान पाठों से भरा था। डॉ. शशि प्रभा कश्यप (कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस, यूएनआई: 014 ए) ने अनुशासन और आत्म-देखभाल के महत्व पर प्रकाश डाला। स्वास्थ्य और करियर पर योग के प्रभाव के बारे में अपना व्यक्तिगत अनुभव उन्होंने साझा किया। उन्होंने स्वयंसेवकों को समग्र विकास के लिए मानसिक स्वास्थ्य को जिम्मेदारियों के साथ संतुलित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद सत्र की शुरुआत “दैनिक जीवन में बुनियादी योग अभ्यास” विषय से हुई। अतिथि वक्ता योग साधना केंद्र, मालवीय भवन, बीएचयू के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक डॉ. योगेश कुमार भट्ट ने योग मंत्र से व्याख्यान शुरू किया और अनुशासित जीवन शैली, उचित नींद और पोषण पर जोर दिया। उन्होंने चक्रासन, भुजंगासन, वज्रासन, मंडूकासन और उष्ट्रासन जैसे कुछ प्रमुख आसनों का प्रदर्शन किया और शरीर के लचीलेपन, पाचन, स्वास्थ्य और तनाव से राहत में उनके लाभ और भूमिका के बारे में भी बताया। उन्होंने साइनस के प्राकृतिक उपचार (नाक के मार्ग में तिल का तेल लगाना) के बारे में भी बताया और पीसीओडी और हार्मोनल असंतुलन को संबोधित किया, हार्मोनल विनियमन और तनाव में कमी में योग की भूमिका पर प्रकाश डाला। स्वयंसेवकों को उनका मुख्य संदेश था “दूध पिएं, व्यायाम करें, अपना कर्म करें और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें।” ध्यान बढ़ाने और चिंता को कम करने के लिए ध्यान तकनीकों के साथ सत्र का समापन हुआ।

लंच ब्रेक के बाद दूसरा सत्र दोपहर 2:00 बजे शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत “मेरा भारत आउटरीच कार्यक्रम” विषय से हुई। अतिथि वक्ता एसवीडीवी, बीएचयू डॉ. कृष्णानंद ने भारत के सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका और राष्ट्रीय सेवा योजना के बारे में बताया। उन्होंने मेरा युवा भारत पोर्टल के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि मेरा भारत पोर्टल युवाओं को नेतृत्व कौशल विकास और स्वयंसेवा के अवसरों में सशक्त बनाता है। उन्होंने मदन मोहन मालवीय को उद्धृत करते हुए कहा, “एक राष्ट्र केवल एक क्षेत्र या लोगों का समूह नहीं है; यह साझा संस्कृति, विरासत और मूल्यों से बंधा एक इकाई है।” इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्वयंसेवकों को पंजीकरण के लिए मार्गदर्शन किया और अपने करियर की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए माई भारत पोर्टल पर एक पेशेवर सीवी बनाने के बारे में बात की। निष्कर्ष में यह कहा जा सकता है कि पहले दिन एनएसएस शिविर के लिए एक मजबूत नींव रखी गई, जिसमें योग के माध्यम से आत्म-अनुशासन और सक्रिय भागीदारी के माध्यम से राष्ट्रीय सेवा का संयोजन किया गया। स्वयंसेवक अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में इन पाठों को लागू करने के लिए प्रेरित प्रेरित हुए। आज के सत्य दिवसीय शिविर में चितरपुर ग्राम की पार्षद, विद्यालय की प्राचार्या के साथ-साथ अन्य शिक्षिकाएं तथा 50 स्वयं सेविकाएं मौजूद थी। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेवी का अनुकृति के द्वारा किया गया। तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर शशि प्रभा कश्यप के द्वारा किया गया। शिविर का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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