स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी ) स्मृति सम्मान पुरस्कार वर्ष 2023-24 की घोषणा
वाराणसी । वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र को स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी ) स्मृति सम्मान पुरस्कार वर्ष 2023 के लिए नामित किया गया है।
संस्कृत साहित्य जगत के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए प्रो. मिश्र की कृति सृजति शंखनादं किल चुनी गई है। प्रो.विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र भी रहे हैं।
प्रो मिश्र जी, डॉ. हरि सिंह विश्वविद्यालय और विक्रम विश्वविद्यालय में दो दशक से अधिक अध्यापन के बाद वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आचार्य के पद पर वर्ष 2006 से वर्ष 2021 तक सेवाएं दिए। प्रो. मिश्र संस्कृत शास्त्रों के विविध अनुशासनों, वेद, वेदांग, दर्शन, इतिहास-पुराण और साहित्य-विद्या में निपुण प्रसिद्ध कवि हैं।
अनेकों ग्रंथों का प्रकाशन एवं सम्मान प्राप्त हो चुका है—
प्रो. मिश्र की संस्कृत-हिंदी में 18 पुस्तकें प्रकाशित हैं और उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यायल,वाराणसी के वेदांत शास्त्र के उद्भट विद्वान एवं दर्शन संकाय के पूर्व संकायाध्यक्ष के प्रो.रामकिशोर त्रिपाठी को स्वामी हरिहरानंद सरस्वती (करपात्री स्वामी ) स्मृति सम्मान पुरस्कार वर्ष 2024 के लिए नामित किया गया है। ——-
प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र भी रहे हैं।
प्रो. त्रिपाठी इसी संस्था से ही माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत विश्वविद्यालय में वेदांत विभाग एवं दर्शन संकाय के क्रमशः विभागध्यक्ष, संकायध्यक्ष, अनुसन्धान निदेशक, कार्यवाहक कुलपति व कार्यपरिषद, विद्यापरिषद के सदस्य एवं कुलसचिव के दायित्वों का निर्वहन कर चुके है। प्रो. त्रिपाठी संस्कृत शास्त्रों के विविध अनुशासनों, वेद, वेदांग, दर्शन, इतिहास-पुराण और साहित्य-विद्या में निपुण प्रसिद्ध कवि हैं।
विभिन्न देशों में वेदांत दर्शन का झंडा गाड़ा-‘
वेदांती प्रो त्रिपाठी के द्वारा भारतीय संस्कृति एवं वेदांत दर्शन का प्रसार अखिल भारतीय स्तर के साथ-साथ विदेशों में भी अनेकों देशों मे कर चुके हैं।
आपने अभी आस्ट्रेलिया के विभिन्न शहरों में स्थापित संस्कृत एवँ वैदिक ज्ञान केंद्रों में वहां के आमंत्रण पर अभी कुछ माह पूर्व ही संस्कृत भाषा एवं वेदांत दर्शन के विभिन्न आयामों पर चर्चा कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता प्राप्त कर इस विश्वविद्यालय का नाम वैश्विक पटल पर प्रतिष्ठित किया।
अनेकों पुरस्कार से सम्मानित—
प्रो. त्रिपाठी के द्वारा वेदांत शास्त्र पर की कई पुस्तकें प्रकाशित हैं जिसके लिए उतर प्रदेश संस्कृत संस्थान सहित देश विदेश से अनेकों पुरस्कारों एवं सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।