धर्म

लोहड़ी पर भांगड़ा और गिद्दा से सजेगी काशी की शाम

लोहड़ी मनाने अरब व पेरिस से काशी पहुंच रहे हैं जोड़े

सरफराज अहमद
वाराणसी। लोहड़ी देश दुनिया के साथ ही अपने शहर बनारस में भी 13 जनवरी को मनाया जाएगा। सिखों व खत्री, पंजाबी समाज में इसे लेकर उत्सव की तैयारी अब अंतिम दौर में है। जगह-जगह लोहड़ी सजाई जाएगी। गुरुद्वारे से लेकर घर तक में उत्सव का माहौल रहेगा। दरअसल लोहड़ी उनकी होती है जिनकी नयी नयी शादी हुई हो या जिसके घर में नया मेहमान यानी बच्चे का जन्म हुआ हो। इसी लिए नवविवाहित जोड़ों में इसे लेकर अलग ही उत्साह रहेगा। यही वजह है कि शादी के बाद पहली बार यह पर्व मनाने कोई सऊदी अरब से तो कोई पेरिस से काशी पहुंचा है।
लोहड़ी पर्व का सामाजिक संगठनों और गुरुद्वारों में सामूहिक आयोजन होगा। खत्री हितकारिणी सभा की ओर से एक दिन पहले रविवार को रात में लोहड़ी धमाल उत्सव छावनी में मनाया जा रहा है। मुंबई की बैंड पार्टी और गायिका पिंकी मैदासानी के गीतों पर सब झूम रहे हैं।
सभा के अध्यक्ष दीपक बहल ने बताया कि शहर के पांच हजार से अधिक खत्री व पंजाबी परिवार के लोग इसमें शामिल हैं। मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर अनिबर्न दत्ता है। उधर चांदपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में भी लोहड़ी का आयोजन होगा। इसमें पंजाबी बैंड पर लोहड़ी का उल्लास छाया रहेगा। उधर, गुरुद्वारा गुरुबाग व नीचीबाग में सामूहिक लोहड़ी सजाई जाएगी।
सारनाथ के संचित सेठ पेरिस में एक बैंक के फाइनेंस मैनेजर हैं, पिछले माह ही श्रेया सेठ से शादी हुई है। इसलिए वे काशी में लोहड़ी मनाने के लिए रुके हैं। उन्होंने बताया कि बहुत खुशी हो रही है। परिवार और अपनों के साथ लोहड़ी मनाने का मौका मिलेगा।
महमूरगंज के शिवांक मेहरोत्रा व सृष्टि मेहरोत्रा भी पहली लोहड़ी काशी में मनाएंगे। पिछले साल दोनों की शादी हुई है। दोनों सऊदी अरब से बनारस आ रहे हैं। वहां साॅफ्टवेयर कंपनी में फाइनेंस अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। परिवार के लोग उनका इंतजार कर रहे हैं। कल फिज़ा में एक साथ गूंजेगा दे माई लोहड़ी तेरी जीने जोड़ी…। सोशल मीडिया पर हैप्पी लोहड़ी अभी से ही वायरल होने लगा है।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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