कृषिवाराणसी

आईवीआर की शोध परियोजनाओं का धरातल पर सत्यापन

क्यूआरटी टीम अध्यक्ष पहुँचे गाँव, देखा संस्थान की मिर्च का खेत में उत्पादन

वाराणसी

भारतीय सब्जी अनुसन्धान संस्थान की पंचवार्षिक समीक्षा दल के अध्यक्ष डॉ पी राजेंद्रन की अगुवाई में वैज्ञानिकों के दल ने वाराणसी एवं मिर्ज़ापुर जिले में सब्जी किसानों, कृषक उत्पादक संगठनों एवं सब्जी उद्यमियों के खेतों एवं प्रतिष्ठानों का भ्रमण किया. इस दौरान दल ने संस्थान के गोद लिए गाँव शहंशाहपुर , सीखड़ एवं मझवां तरास में सब्जी किसानों के खेत में संस्थान द्वारा विकसित किस्मों एवं तकनीकों का प्रदर्शन देखा. संस्थान की मटर की किस्म काशी उदय एवं मिर्च की किस्म काशी रत्ना का उत्पादन देखकर अध्यक्ष बहुत प्रभावित हुए एवं संस्थान के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने किसानों से परिचर्चा के दौरान बताया कि संस्थान द्वारा विमोचित किस्में रोग एवं कीटरोधी होने के साथ अधिक उत्पादन देती है जिसकों अपनाकर किसान कम लागत में एवंकम रसायनों के प्रयोग से अधिक लाभ प्रतप्त कर सकते है. उन्होंने किसानों से मृदा परिक्षण के अनुसार उपयुक्त फसल की किस्मों की खेती, तुड़ाई, प्रबंधन एवं विपणन की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा किया. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ नागेन्द्र राय ने संस्थान द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा की और संस्थान की तकनीकियों को किसानों तक पहुँचाने के लिए विभिन्न पहलुओं एवं आयामों से अवगत कराया. डॉ नीरज सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने किसान उत्पादक संगठननवचेतना एवं काशीराज के सदस्य किसानों के साथ संगोष्ठी में परिचर्चा की. डॉ राकेश कुमार दुबे ने इस कार्यक्रम का समन्वयन किया. इस कार्यक्रम के आयोजन में संस्थान के वैज्ञानिक डॉ सुदर्शन मौर्या, डॉ विकास सिंह, डॉ आत्मा नन्द त्रिपाठी, डॉ इन्दीवर प्रसाद, डॉ केशव गौतम एवं यंग प्रोफेशनल मनीष, यशपाल एवं इन्द्रेश ने अहम् योगदान दिया.

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