‘घरेलू हिंसा महिला ही नहीं पुरुषों को भी करती है प्रभावित’
काशी विद्यापीठ में अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी दिवस पर फिल्म के माध्यम से विद्यार्थियों को किया जागरूक
डॉ शिव यादव
वाराणसी। शिक्षाशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी दिवस के अवसर पर सोमवार को फिल्म के माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूक किया गया। एशियन ब्रिज इंडिया, मेन एंगेज इंडिया और साधिका के सामूहिक सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में फिल्म के माध्यम से महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा एवं लिंग आधारित भेदभाव को समझने और भविष्य में एक शिक्षक के रूप उनके दायित्व पर चर्चा किया गया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र राम ने विद्यार्थियों को अपने अंदर के बदलाव को समझने और उनके बच्चों पर पढ़ने वाले प्रभाव पर व्यापक प्रकाश डाला। समाज कार्य विभाग के प्रो. संजय ने मर्दानगी और हिंसा के संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस तरह मर्दानगी हिंसा को बढ़ावा देती है और घरेलू हिंसा महिला ही नहीं पुरुषों को भी प्रभावित करती है।
कार्यक्रम में इंपॉसिबल ड्रीम और घर की मुर्गी फिल्म की स्क्रीनिंग किया गया। दोनों ही फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद सभी के साथ महिला हिंसा और भेद भाव पर एशियन ब्रिज इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मूसा आज़मी ने लिंग आधारित हिंसा, भेदभाव, मर्दानगी और पित्रसत्ता के व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव पर चर्चा किया। विशिष्ट अतिथि दामिनी ऑर्गेनाइजेशन की डायरेक्टर जर्मनी से आईं काटी सिसरेका ने बताया कि एक बच्चा 3 से 4 वर्ष की उम्र में अपने जीवन का 80% सीख जाता है, ऐसे में परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना होगा कि अपने परिवार के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उनको अपने व्यवहार में बदलाव करना होगा और परिवार को हिंसा मुक्त बनाना होगा। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रमाकांत सिंह ने किया। इस अवसर पर राम प्रकाश, डॉ. वीणा वादिनि, डॉ. दिनेश कुमार, ज्योत्सना राय आदि उपस्थित रहे।