एजुकेशनवाराणसी

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मनाया गया संविधान दिवस

वाराणसी । कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि संविधान दिवस पर ली गई शपथ को अपने दैनिक जीवन और कामकाज में उतारना संविधान के प्रति सच्चा सम्मान व प्रतिबद्धता होगी। कुलपति  केन्द्रीय कार्यालय में भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कुलपति  की अगुवाई में विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने संविधानिक मूल्यों व सिद्धांतों की रक्षा की शपथ ली। इस दौरान कुलगुरू प्रो. संजय कुमार, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों आदि ने भी शपथ ली। भारतीय संविधान के निर्माण में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय समुदाय के सदस्यों के योगदान का उल्लेख करते हुए कुलपति जी ने कहा कि बीएचयू के सदस्यों के रूप में हमें यह विशिष्ट गौरव प्राप्त है कि हमारे दो पूर्व कुलपति भी संविधान निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा थे। अपने संबोधन में कुलपति जी ने कहा कि भारतीय संविधान में शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया गया है। इसी प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी विशेष रूप से संविधान के मूल्यों का उल्लेख करती है। यह रेखांकित करता है कि एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में हमारी भारतीय संविधान के प्रति अत्यंत महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। भारतीय संविधान की शैक्षणिक संस्थानों से बहुत अपेक्षाएं हैं और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान होने के नाते काशी हिन्दू विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका में है। उन्होंने कहा कि हमें इस बार पर ध्यान देना होगा कि हम संविधान में उल्लिखित उद्देश्यों को प्राप्ति हेतु निष्ठापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं कि नहीं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी व्यवस्थाएं समानता व निष्पक्षता के सिद्धांतों के अनुरूप हों और ये सिद्धांत हमारे कामकाज में परिलक्षित हों। उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों का आह्वान किया कि वे किसी भी द्वेष व राग तथा लालच व भय से मुक्त होकर कार्य करें तथा संविधान के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन में प्रभावी रूप से आगे बढ़ें।

कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने भारतीय संविधान की विशिष्टता एवं विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय संविधान से जहां एक तरफ हमें अधिकार मिलते हैं, वहीं दूसरी तरफ संविधान के प्रति हमारे कर्तव्य भी हैं। सहायक कुलसचिव अशोक शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया।

संविधान दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने संविधान की रक्षा व संवैधानिक सिद्धांतों के पालन की शपथ ली।

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