धर्म

रमज़ान शुरू, बाजार हुए गुलजार, मुस्लिम बाहुल इलाकों में लौटी रौनक

सरफराज अहमद

वाराणसी। जिस घड़ी का इंतजार था वो इबादत की घड़ी आखिर आ ही गई। शनिवार की शाम सवा 6 बजे मुस्लिमों ने घरों की छतों, मस्जिदों, मदरसों और मैदानों से चांद का दीदार का रमज़ान का वेलकम किया। पटाखे फोड़े गए और खुशियों का इजहार किया गया। लोगों ने एक दूसरे को रमज़ान की मुबारकबाद दी। रात में तरावीह की ख़ास नमाज अदा की गई। माह ए रमजान का चांद देखने के साथ ही रविवार को पहला रोजा रखा जाएगा। मुस्लिम पूरे दिन नीरा जल उपवास रखकर इबादत करेंगे। इस बार रोजा तकरीबन सवा 13 घंटे से अधिक का है। शहर की सैकड़ों मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा की गई। लोगों ने दुआ के लिए हाथ उठाए और सजदे में अपने सर झुकाएं। दूसरी ओर शिया समुदाय ने अपने शहर की 32 मस्जिदों में इमामबारगाह में दरगाहों में मजलिस और दुआख्वानी के साथ रमजान उल मुबारक का इस्तकबाल किया। बाजार गुलजार हो गये, मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रौनक लौट आयी। इस दौरान लोगों ने सेहरी और इफ्तार के लिए देर रात तक खरीदारी की। मुस्लिम बहुल इलाको में देर रात तक चहल पहल देखी गई। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि रमजान एक ऐसा महीना है जिसमें हर मुसलमान अपने रब की ज्यादा से ज्यादा इबादत करता है। गरीबों और यतीमो की भरसक मदद करता है। मस्जिदें रोज़ादारो से छलकती रहती है। खुशगवार मौसम में रोज़े का आगाज हो रहा है। इस बार रोजा तकरीबन 13.15 घंटे का होगा। आनेवाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी तो इबादत का जज्बा भी बुलंदियों पर होगा। ये वो पाक महीना है जिसमें पवित्र कुरान भी नाजिल हुई। इस माह की 15 तारीख को इमाम हसन की विलादत की खुशी जहां मनाई जाएगी वहीं 21 रमजान को मौला अली की शहादत का ग़म भी शिया वर्ग ताज़ा करेंगे।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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