एजुकेशन

एनएसएस बीएचयू ने कराया “माई भारत आउटरीच कार्यक्रम”

स्टूडेंट्स को किया गया समाजसेवा के प्रति जागरूक

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से 17 फरवरी को डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर हॉल में “माई भारत आउटरीच कार्यक्रम” का आयोजन वाइस चांसलर प्रो. संजय कुमार, रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह, डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर डा. अनुपम नेमा और एनएसएस प्रोग्राम कॉर्डिनेटर डॉक्टर स्वपना मीणा की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन एवं कुलगीत से हुई। इस पवित्र आयोजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके पश्चात डिप्टी रजिस्ट्रार द्वारा बौद्धिक शब्दों के माध्यम से कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने छात्रों को इस कार्यक्रम के उद्देश्यों और इसके द्वारा प्राप्त होने वाले लाभों से अवगत कराया। इसके बाद मुख्य अतिथि डॉ. मंजू सिंह, राज्य समन्वय अधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना का अभिनंदन किया गया। उन्होंने अपने व्याख्यान में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया। एनएसएस ताली, माई भारत पोर्टल पर पंजीकरण, कैंपस एंबेसडर्स, महत्वपूर्ण पहलू – ज्ञान और इंटर्नशिप, सीवी निर्माण, भविष्य में एनएसएस का माई भारत से समावेश, एनएसएस शिविरों को पोर्टल पर अपलोड करना,शिल्पकार और किसान। इसके बाद, कार्यक्रम अधिकारी वंदना सोनकर ने एनएसएस में अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस प्रकार एनएसएस समाज सेवा के लिए एक प्रभावी माध्यम है।

इसके उपरांत में स्वयंसेविका स्मृति पाठक ने “माई भारत” पोर्टल पर पंजीकरण और उसके उपयोग पर एक प्रभावशाली पी.पी.टी. प्रस्तुति दी। उन्होंने छात्रों को इस पोर्टल के विभिन्न उपयोगों और इसकी विशेषताओं से अवगत कराया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस आयोजन ने छात्रों को एनएसएस और “माई भारत” पहल के महत्व के बारे में जागरूक किया और उन्हें समाज सेवा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का अंत राष्ट्रीय गान से किया गया।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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