धर्म

अली डे पर निकलेगा जुलूस फातमान में होगा सेमीनार, संकटमोचन के महंत होंगे मुख्य अतिथि

सभी धर्म के लोग लेंगे सेमिनार में हिस्सा

सरफराज अहमद

वाराणसी। शिया मुसलामानों के इमाम और पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के दामाद हजरत अली की जयंती 14 जनवरी को मनाई जाएगी। जयंती पर अली समिति टाउनहाल मैदान से जुलूस निकालेगी। इसमें दोषीपुरा से उठने वाला जुलूस भी शामिल होगा। जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ दरगाहे फातमान पर समाप्त होगा। जहां एक कांफ्रेंस होगी। जिसमें सभी धर्मों के धर्मगुरु मौजूद रहेंगे। इस संगोष्ठी में संकटमोचन मंदिर के महंत मुख्य अतिथि होंगे।

इस संबंध में अली समिति के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि पिछले 15 वर्षों से अली समिति हजरत अली जयंती पर विभिन्न आयोजन कर रही है। जिसमें टाउनहाल मैदान से एक जुलूस निकाला जाएगा। जिसमें सैकड़ों की संख्या में शिया समुदाय के लोग शामिल होंगे और हजरत अली की शान में नातिया कलाम पेश करते हुए चलेंगे। साथ ही उनकी शान में नारे भी लगाएंगे। यह जुलूस मैदागिन होते हुए नीचीबाग गुरुद्वारा पहुंचेगा जहां गुरुद्वारा प्रबंध समिति जुलूस में शामिल लोगों का स्वागत करेगी और उनका सत्कार करेगी।

उन्होंने बताया जुलूस चौक थाने के बगल से दालमंडी पहुंचेगा। जहां शिया समुदाय के लोग जुलूस का भव्य स्वागत करेंगे। जगह-जगह लोग खाने-पीने का इंतजाम करेंगे। जुलूस दालमंडी से नईसड़क, शेखसलीम फाटक, कालीमहल, पितरकुंडा होते हुए लल्लापुरा स्थित दरगाहे फातमान पहुंच कर सम्पन्न होगा।

हाजी फरमान हैदर ने बताया कि दरगाह फातमान में जुलूस के बाद एक नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन होगा। इसमें सभी धर्म के लोग उपस्थित होंगे। जिसमें संकटमोचन मन्दिर के महंत डा. विश्वम्भरनाथ मिश्रा, बिशप यूजीन जोसफ भाई धर्मवीर सिंह सहित कई अन्य धर्मगुरु मौजूद रहेंगे। जो मौला अली की जिंदगी और उसके अमन के बताए मार्ग पर प्रकाश डालेंगे। इस दौरान शिया समुदाय के लिए कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को इनामात दिए जाएंगे।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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