सफर ए हुसैनी की याद में सदर इमामबाड़े से उठा जुलूस, शहर भर हुई मजलिसे
वाराणसी। 29 जनवरी (28 रजब 1446 हिजरी) बुधवार को इमाम हुसैन के कर्बला के सफर की याद में शिया समुदाय ने मजलिस, मातम और जुलूस के जरिए अपनी अकीदत का इजहार किया। लाट सरैया के सदर इमामबाड़े में अमारी, दुलदुल, अलम और ताबूत का जुलूस निकाला गया। बड़ी तादाद में लोग जियारत करने पोहचे। प्रोग्राम का आगाज ताहिर जवाद ने पाक कुरान की तिलावत किया। हाजी यूसुफ के खान्वादे ने सोज़खवानी की। इस दौरान मौलाना जावेद आब्दी दिल्ली ने मजलिस को खिताब करते हुए सफरे हुसैनी पर रौशनी डाली। आयोजन में शहर की 14 अंजुमनों ने नोहाख्वानी व मातम किया। कई शायरों ने कलाम पेश किया जिसमें शरफ बनारसी, मुदस्सिर बनारसी, अतश बनारसी, सागर बनारसी, अम्बर बनारसी आदि शामिल थे। आमिर , शाहबाज, नौशेर, समीर, हसन , रज़ी और laraib ने जुलूस की अगवाई की। अतहर बनारसी और डॉ शफीक हैदर ने संचालन किया। इस अवसर पर शिया मस्जिद कालीमहल में तकरीर करते हुए शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने कहा कि 1387 साल पहले 28 रजब को ही इमाम हुसैन इस्लाम और इंसानियत की रक्षा के लिए मदीने से कर्बला को चले और 10 मोहर्रम 61 हिजरी को अजीम कुर्बानी पेश करके एक लाजवाब कारनामा पेश किया। शहर भर की 28 अंजुमनों ने अपने अपने क्षेत्रों में नोहा मातम से इमाम हुसैन का ग़म मनाया। चौक में अब्बास मुर्तुजा शम्सी के ज़ेरे इंतेज़ाम मजलिस आयोजित की गई। देर रात तक मजलिसों का सिलसिला जारी रहा।
रब से कभी नाउम्मीद न हो-अली
सफरे रवानगी इमामहुसैन के सिलसिले से अर्दली बाजार में स्वर्गीय युसूफ रिजवी के दौलतखाने पर मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना तौसीफ अली (इमामे जुमा शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास) ने कहा कि इंसान को कभी भी किसी लम्हे रब से मायूस नहीं होना चाहिए, उसे परवरदिगार पर भरोसा रखना चाहिए, मौलाना ने कहा कि परवरदिगार पर भरोसा रखो तुम्हारा कसीदा इंसान नहीं बल्कि खुदा पढ़ेगा। मौलाना ने कहा कि 28 रजब 60 हिजरी का वो दिन जिस दिन इमाम हुसैन ने अपने नाना के शहर को ख़ुदा हाफ़िज़ कहा और कर्बला के सफ़र को रवाना हो गए। इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान से पैगाम दिया कि इंसान को कभी भी किसी लम्हे मायूस नहीं होना चाहिए परवरदिगार पर भरोसा रखो, इंसान नही बल्कि खुदा तुम्हारा कसीदा पढ़ेगा। पेशखानी नबील हैदर, जैन बनारसी ने की। मजलिस में शिरकत करने वालों में हाजी अबुल हसन, वकार रिज़वी, एजाज अब्बास, हसन मेहंदी कब्बन, विक्की जाफरी, लियाकत हुसैन, तफसीर जौनपुरी, अमन मेहंदी, अकबर मेहंदी, जिशान रिज़वी सहित सैकड़ो मोमनीन थे। शुक्रिया आभार आयोजक मेराज हुसैन रिज़वी ने किया।