कृषिवाराणसी

वाराणसी:IIVR में मनाया गया 76वां गणतंत्र दिवस

सब्जियों में कृषक-हितैषी शोध एवं विकास हेतु प्रतिबद्ध है आईआईवीआर

वाराणसी । आईआईवीआर के 76वां गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर कार्यकारी निदेशक डॉ नागेंद्र राय ने संस्थान के वैज्ञानिकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, शोध छात्रों और किसानों के बीच वर्ष की उपलब्धियों के साथ ही कृषि एवं कृषक हित के कार्यों की रुप रेखा प्रस्तुत की। इस अवसर पर उन्होने वैज्ञानिक शोध कार्यों की सराहना करते हुए बताया कि संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक का विश्व के टॉप 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की स्टैनफोर्ड विश्विद्यालय की सूची में शमिल होना संस्थान की विश्वस्तरीय शोध कार्यों को प्रदर्शित करता है। साथ ही कहा कि दो वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय कृषि अकादमी का फेलो बनाया गया है उन्होंने कहा कि देश में प्रचुर खाद्यान्न उत्पादन के साथ ही सब्जी उत्पादन भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। उन्होंने सब्जी किस्मों के विकास के साथ ही वैज्ञानिकों से पोषण गुणवत्ता से समृद्ध सब्जियों की उत्पादन तकनीकियों, जैविक एवं प्राकृतिक सब्जी उत्पादन विधाओं, सब्जी फसलों में वैकल्पिक सूक्ष्मजीव एवं जैव रासायनिक फार्मूलेशन के उपयोग, रसायन मुक्त सब्जी फसल उत्पादन, एवं फसल प्रसंस्करण के उन्नत उपायों पर तेजी से शोध को आगे बढ़ने की अपील की।

नए कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए डॉ राय के कहा कि सब्जी फसलों में रासायनिक कीटनाशको के अवशेषों का अध्ययन, जीनोम एडिटिंग टेक्नोलॉजी के माध्यम से फसल उन्नयन तथा हाई टेक सब्जी पौध नर्सरी पर कार्य शुरू हो चुका है जिसका लाभ शीघ्र ही किसानों को मिलेगा। सब्जियों का सीधा संबंध मानव पोषण एवं स्वास्थ्य से है जिसपर संस्थान में तेजी से कार्य हो रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान के वैज्ञानिक यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि संस्थान द्वारा संचालित तकनीकी उपायों का लाभ सीधे किसानों को मिले। संस्थान अपनी टेक्नोलॉजी को दूरदर्शन, किसान तक तथा समाचार पत्रों के माध्यम से किसानों के बीच तेजी से फैलाव के लिए प्रयास कर रहा हैं। संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ शोधकर्ता, तकनीकी अधिकारी और किसान उपस्थित रहे।

विशिष्ट उपलब्धियां 2024

1 आईआईवीआर ‘लोगो’ को कॉपीराइट प्राप्त हुआ।
2 डॉ डी पी सिंह विश्व की टॉप 2% वैज्ञानिक सूची में शामिल किये गए

  1. प्रधानमंत्री द्वारा संस्थान की दो सबनि किस्मों का लोकार्पण।
    4 डॉ राजेश कुमार एवं डॉ जगेश तिवारी को राष्ट्रीय कृषि अकादमी (नास) की फेलोशिप प्रदान की गई ।
    5 जीनोम एडिटिंग परियोजना का प्रारंभ
    6 जलवायु अनुकूल सब्जी प्रजातियों का विकास किया गया
    7 अनूसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के किसान वर्ग हेतु कृषि इनपुट एवं तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया

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