देशधर्म

देश में इत्तेहाद की जड़ें गहरी हैं, वे चंद झोंकों और विकृत सोच द्वारा हिलाई नहीं जा सकती-खरगे

ख्वाजा के उर्स में उमड़ रहा सैलाब

सरफराज अहमद

वाराणसी। Congres party के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के 813 वें उर्स के पर शनिवार को अपने और अपनी पार्टी की ओर से अकीदत की चादर भेजी। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को इससे यह संदेश जाना चाहिए कि हिंदुस्तान में क़ौमी इत्तेहाद और भाईचारे की जड़ें इतनी ज्यादा गहरी हैं कि वे चंद झोंकों और विकृत मानसिकता व सोच के लोगों द्वारा हिलाई नहीं जा सकती हैं। खरगे ने कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी को यह चादर भेंट की और इसे जल्द ही अजमेर शरीफ दरगाह पर पेश किया जाएगा। इस मौके पर कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन, पूर्व सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन और कुछ अन्य नेता मौजूद थे।

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “इंतेहाई अक़ीदत व एहतराम के साथ मैं ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ हज़रत मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के 813 वें उर्स मुबारक के मौक़े पर अपनी और कांग्रेस पार्टी की ओर से चादर रवाना करते हुए ख़ुद को बेहद ख़ुशक़िस्मत महसूस कर रहा हूं। कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते आज उस परंपरा को निभाने का मौका मिला, जो साल-दर-साल हमारी पार्टी निभाती है।” उन्होंने कहा, “इसके पीछे देश के हर नागरिकों का कल्याण और विश्व कल्याण की भावना है। चादर चढ़ाने के पीछे हमारे देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब, क़ौमी एकता, आपसी भाईचारा, प्यार व मोहब्बत, अदब और रवादारी की अलामत है। ” खरगे ने कहा, “हमारे पुरखों ने संविधान बनाते समय कौमी एकता की भावना को केंद्र में रखा था, जिसकी हिफाज़त करना हर भारतीय का कर्तव्य है।”

खरगे ने कहा, “यहां मैं ये याद दिलाना चाहूंगा कि 2025 हमारे महान नायक महात्मा गांधीजी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी का साल है। 1924 में उनकी अध्यक्षता में देश भर के लोग बेलगांव में एकत्र हुए थे और उन्होंने छुआछूत, भेदभाव और नफरत की भावना के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया था।” उन्होंने कहा, “हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि नफरत के सौदागरों ने ही हमसे राष्ट्रपिता को छीना है, लेकिन उनके विचार आज भी जिंदा हैं, जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार जनता के सरोकारों को आगे रख कर संघर्ष कर रही है।” कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “इसलिए, अमन चैन और भाईचारे का संदेश ख़्वाजा की दरगाह से पूरी दुनिया में जाना चाहिए। हम दुआ करें कि मुल्क के अंदर अमन, शांति, प्यार व मोहब्बत, जम्हूरियत और सदियों पुरानी गंगा-जमुनी तहज़ीब चांद और सूरज की मौजूदगी तक कायम रहे।”

आरएसएस प्रचारक इंद्रेश की चादर पेश 

आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार की तरफ से डॉ. इमरान चौधरी और इरफान के नेतृत्व में मखमली चादर और फूल पेश किए गए। संदेश में इंद्रेश कुमार ने कहा कि गरीब नवाज़ की शिक्षाएं हमें मानवता, प्रेम और शांति का संदेश देती हैं। चादरों की परंपरा आपसी भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा देने का प्रतीक है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक अबू बकर नकवी, कोटा संभाग संयोजक एहसान अंसारी जयपुर जिला सह संयोजक अजीज खान, जिला सह संयोजक निजामुद्दीन अब्बासी ने संबोधित किया।

जन्नती दरवाजे से आने की मची है होड़ 

अजमेर में हज़रत मोईनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह सरकार ग़रीब नवाज़ के 813 वें उर्स में रजब की पहली तारीख से ही अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ने लगी। मजार शरीफ पर मखमली चादरें, गुलाब के फूल पेश करने का सिलसिला अब तेज हो गया। महफिलखाना में सूफियाना कलाम गूंज रहे हैं। दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने मजार शरीफ पर गुस्ल दिया था। उर्स के पहले जुमे को जायरीन की नमाज को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस ने भी खास बंदोबस्त किए था। जिससे तमाम लोगों ने आसानी से नमाज अदा की इसके बाद 10 जनवरी को जुमा होगा, लेकिन ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के छह दिवसीय उर्स के तहत 7 जनवरी को कुल की रस्म होगी। इसके बाद बड़े कुल की रस्म होगी। और जायरीन अपने घरों को यहां का तबर्रूक लेकर रवाना होने लगेंगे।

देशभर से पहुंच रहे जायरीन

उर्स के लिए जायरीन का पहुंचना जारी है। यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य स्थानों से जायरीन 253 बसों, ट्रकों, कार-जीप में लोगों के पहुंचने का क्रम जारी हैं। कायड़ विश्राम स्थली में करीब 11 बड़े डोम और छोटे टेंट लगाए गए हैं। जायरीन की सुविधार्थ उचित मूल्य की दुकान, मोबाइल चार्जिंग, दूध और अन्य सामग्री मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, फायर ब्रिगेड, एडीए, जिला प्रशासन की ओर से भी टेंट लगाए गए हैं।

 

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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