वाराणसी ।भा.कृ.अनु.प.- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में उत्तर प्रदेश शोध परिषद् (उपकार), लखनऊ, उत्तर प्रदेश के द्वारा वित्त पोषित प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 6 जिलों से कुल 24 किसानों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का समापन बुधवार को किया गया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को ग्राफ्टिंग के विभिन्न पहलुओं जैसे- प्रक्षेत्र की तैयारी, जलवायु, सिंचाई, निराई-गुडाई तथा मृदा जनित रोगों से परिचित कराया गया तथा ग्राफ्टेड पौधे तैयार करने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। किसानों द्वारा स्वयं बैंगन पर बैंगन, बैंगन पर टमाटर, आलू पर टमाटर (पोमैटो), बैंगन पर टमाटर एवं बैंगन (ब्रिमैटो) की ग्राफ्टिंग की गयी । किसानों को ग्राफ्टिंग तकनीक को उद्यम के रूप में अपनाने की सलाह दी गयी जिससे वे अपनी आय को बढा सके। डॉ. हरे कृष्ण, प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों को पॉलीहाउस में सब्जियों को उगाने तथा उनकी देखरेख के बारे में विस्तार से चर्चा किया। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. गोविन्द पाल ने ग्राफ्टिंग के लाभ लागत अनुपात के बारे में वृहद स्तर पर जानकारी दी एवं इस प्रशिक्षण के बारे में किसानों से उनके विचार साझा किये। किसानों ने इस प्रशिक्षण को व्यवसाय के रूप में बहुत लाभकारी बताया! प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण- पत्र के साथ ब्रिमैटो और पोमैटो की तकनीकी पुस्तिका एवं प्रसार पुस्तिका का वितरण संस्थान के द्वारा किया गया।