जानिए पिथौरागढ़ में मस्जिद को लेकर बवाल का क्या है मामला, लोगों ने लगाई प्रशासन से गुहार

दिल्ली। देवभूमि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में मस्जिद में अवैध निर्माण कता मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है। स्थानीय लोग इस मस्जिद को अवैध निर्माण बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। इस मस्जिद के विरोध में स्थानीय लोगों सड़क पर उतरे और प्रशासन से मांग की कि इस मस्जिद को सील किया जाए। स्थानीय लोगों के विरोध के बाद पूरे पिथौरागढ़ में स्थिति तनावपूर्ण है। पुलिस और प्रशासन हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
पिथौरागढ़ के स्थानीय लोगों का आरोप है कि बेरीनाग में एक घर में अवैध रूप से मस्जिद का संचालन हो रहा है.इस मस्जिद को लेकर स्थानीय लोगों में खासा गुस्सा देखा जा रहा है। अब इस मस्जिद के विरोध में कई हिंदूवादी संगठन भी सामने आ गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोई भी अवैध निर्माण करके अपने यहां मस्जिद नहीं चला सकता। ये कानूनी तौर पर भी गलत है।
अब इस मामले में राष्ट्रीय सेवा संघ की भी एंट्री हो गई है।राष्ट्रीय सेवा संघ के अध्यक्ष हिमांशु जोशी ने बताया कि मामला पिछले दो महीने से चल रहा है इस मस्जिद के बारे में सभी को पता और अब तो इसपर पूरे देश की नजर है. हमारा प्रदर्शन इस अवैध मस्जिद के विरोध में है. हमने मांग की है कि प्रशासन इस मस्जिद को हटाया जाए,।
बेरीनाग में कथित मस्जिद को लेकर राष्ट्रीय सेवा संघ ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बेरीनाग नगर में जीआईसी मैदान तक विशाल रैली निकाली और कथित मस्जिद को हटाने की मांग की. इस दौरान कथित मस्जिद को हटाए जाने की मांग प्रदर्शनकारी के द्वारा की गई राष्ट्रीय सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमांशु जोशी ने बताया कि पिछले तीन माह से बेरीनाग में मस्जिद हटाने की मांग की जा रही है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जब तक मस्जिद नही हटेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद को प्रशासन से अपने अधीन लेकर कार्रवाई की भी मांग की।
कुछ महीने पहले हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी अवैध मस्जिद को लेकर जमकर बवाल हुआ था. स्थानीय लोगों ने वहां भी मस्जिद में हुए अवैध निर्माण कार्य का विरोध किया था. स्थानीय लोगों ने इस मस्जिद में अवैध निर्माण के खिलाफ रैली भी निकाली थी. स्थानीय लोगों की मांग थी कि प्रशासन इस मस्जिद के अंदर हुए अवैध निर्माण की जांच करे. विरोध कर रहे लोगों के अनुसार मस्जिद के नाम पर सरकारी जमीन पर भी कब्जा किया गया है. जिसकी भी जांच होनी चाहिए।