BHU:बनारस घाट और कुंभ की कलाकृतियों से कार्यशाला में हुनर दिखाएंगे कलाकार

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में 27 जनवरी को पूर्वांचल 11:00 बजे विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर संजय कुमार इसका उद्घाटन करेंगे
वाराणसी। दृश्य कला संकाय का चित्रकला विभाग का एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है जिसका शीर्षक “बनारस घाट”: इसकी सुंदरता एवं आध्यात्मिकता है। यह कार्यशाला 27 जनवरी से 2 फरवरी 2025, तक चलेगी। बनारस को गंगा नदी का आशीर्वाद प्राप्त है मां गंगा के तट पर यह नगर बस है जो भारत की जीवन रेखा है गंगा स्नान और भगवान शिव की उपासना से जहां धार्मिक और आध्यात्मिक पुणे और तृप्ति होती है वही घाट यहां का सौंदर्यात्मक आकर्षण है यहां श्रद्धालु बैठकर समय विताकर अव्यक्त सुख और शांति की प्राप्ति करते हैं। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर जीवन और मृत्यु के निरंतर चक्र को देखने का एक अलग ही अनुभव है ।यह शहर उन लोगों के लिए एक विशिष्ट आध्यात्मिक स्थल है जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय दृश्य कला संकाय का चित्रकला विभाग का एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। जिसका शीर्षक बनारस घाट: इसकी सुंदरता एवं आध्यात्मिकता है। यह कार्यशाला 27 जनवरी से 2 फरवरी 2020 तक चलेगी, यह जानकारी दृश्य कला संकाय की विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर उत्तमा दीक्षित, प्रोफेसर विजय सिंह ,के० सुरेश कुमार, डॉक्टर महेश सिंह, डॉक्टर ललित मोहन सोनी एवं डॉ सुरेश चंद्र ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मीडिया सभागार में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। प्रोफेसर दीक्षित ने बताया कि इस कार्यशाला में पधारे प्रसिद्ध कलाकारों के बनारस घाट से संबंधित अपने कलाकृतियों के मध्यम व हुनर से यहां के छात्र-छात्राएं अवगत होंगे। इस महाकुंभ माह में चित्रकला विभाग अपने इस राष्ट्रीय कार्यशाला के माध्यम से अपने छात्र-छात्राओं के ज्ञान व कौशल में वृद्धि के साथ-साथ विश्वविद्यालय की गरिमा वह ख्याति की भी बढ़ने का कार्य करेगी। कार्यशाला से लेकर अमूल्य कृतियों को धरोहर के रूप में विभाग संग्रहित रखेगा। चित्रकला विभाग के राष्ट्रीय कार्यशाला में देश-विदेश के गुजरात से अरविंद हरी कृष्ण सुधार, न्यू दिल्ली से आशीष कुमार पटनायक ,जयपुर से हेमंत द्विवेदी, तेलंगाना से लक्ष्मण, नई दिल्ली से कुमार विश्वास सक्सेना, लखनऊ से अवधेश मिश्रा, हरियाणा से राम विरंजन सहित सैकड़ो राष्ट्रीय चित्रकला कलाकार पधार रहे हैं।
विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर उत्तमा दीक्षित ने बताया कि बनारस और कुंभ मेला दोनों ही भारतीय धार्मिक आस्था, संस्कृति और परंपराओं के अद्वितीय प्रतीक है, जो आज भी लोग को अपनी और आकर्षित करते हैं के स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि भारतीय सभ्यता के ऐतिहासिक सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्थल नगर तथा यहां व्याप्त विचार आस्था और सभी गतिविधियां समानांतर रूप से रचनाकारों की तरह स्वीकार किया गया है। इसलिए इन विषयों के महत्व में से अनुप्रसित हो काशी हिंदू विश्वविद्यालय का चित्रकला विभाग देश के विभिन्न क्षेत्रों के अपने-अपने रचना कर्म की विशेषताओं के लिए प्रख्यात साथ चित्रकारों को आमंत्रित कर शब्द दृश्य चित्रकला शिविर आयोजित कर रहा है जिसके साथ आठ स्थानीय कलाकार भी संजीव चित्रकार करेंगे। कार्यशाला का उद्घाटन काशी हिंदू विश्वविद्यालय की कल गुरु प्रोफेसर संजय कुमार द्वारा 27 जनवरी को पूर्वाह्न 11: 30 बजे दीप प्रज्वललन कर उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा कई विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहेंगे। पत्रकार वार्ता में दृश्य कला संकाय के डॉक्टर सुनील कुमार पटेल डॉ विजय भगत ओमप्रकाश गुप्ता सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।