बलिया:उत्तराखंड के हिमस्खलन में फंसे चिलकहर के राम सूजान

बेटे से एक सप्ताह पहले हुई थी बात
बलिया/हिंदुस्तान संदेश ब्यूरो । उत्तराखंड के चमोली जिले के मीणा में हुए भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों में से एक बलिया के चिलकहर निवासी राम सुजान सिंह भी शामिल थे। उनके बड़े बेटे राज सिंह ने बताया कि 27 फरवरी की रात करीब आठ बजे पिता से आखिरी बार बात हुई थी। बातचीत में उन्होंने राज की पढ़ाई का हाल पूछा और उसे मन लगाकर पढ़ाई करने की सलाह दी। ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले राज ने बताया कि उनके पिता पिछले साल से चमोली में काम कर रहे थे। हिमस्खलन की इस घटना में कुल 57 मजदूर फंसे थे, जिनमें से 47 को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि 8 मजदूर अब भी फंसे हुए हैं। राहत की बात यह है कि उत्तर प्रदेश के 11 मजदूरों में से कई को बचा लिया गया है।
राज को एक दोस्त से सूचना मिली कि उनके पिता का नाम बचाए गए लोगों की सूची में है, लेकिन अभी तक उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका है। परिजन लगातार फोन के जरिए जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। राम सुजान सिंह की पत्नी रेणू सिंह इन दिनों गाजीपुर जिले के ताजपुर स्थित मायके में हैं। घर पर बड़ा बेटा राज सिंह और सातवीं कक्षा में पढ़ने वाला छोटा बेटा रुद्र सिंह, साथ ही उनकी बुजुर्ग मां निर्मला देवी मौजूद हैं। परिवार में उनके बड़े भाई कौशल सिंह और छोटे भाई दिलीप सिंह भी अपने परिवार के साथ रहते हैं। हालांकि, महिलाओं को इस घटना की पूरी जानकारी नहीं दी गई है, ताकि वे घबराएं नहीं।
पहले सिक्किम में काम करते थे, एक साल पहले हुआ था ट्रांसफर बलिया। राम सुजान सिंह पहले बीआरओ कंपनी में सिक्किम में काम कर रहे थे, लेकिन एक साल पहले उनका ट्रांसफर चमोली कर दिया गया। यह कंपनी मुख्य रूप से सड़क निर्माण का कार्य करती है, जिसमें वे सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे।
कैसे हुआ था हादसा…
बलिया। 28 फरवरी की सुबह 7:15 बजे उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक एवलांच (हिमस्खलन) आया। बर्फीला पहाड़ खिसकने से वहां काम कर रहे 55 लोग इसकी चपेट में आ गए। प्रशासन ने बीती रात 8 बजे तक 33 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया था। सुबह होते-होते 14 और मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन अभी भी 8 मजदूर फंसे हुए हैं। परिवार को उम्मीद है कि जल्द ही राम सुजान सिंह से संपर्क हो जाएगा और वे सुरक्षित घर लौट आएंगे।