कारोबार

दवा ब्यापारियों ने ऑनलाइन दवा बिक्री प्लेटफार्म बंद करने का किया मांग

जी एसआर 220 (ई)अधिसूचना वापस नही ली गयी तो आंदोलन को होंगे बाध्य

चंदौली ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) और और दवा विक्रेता समिति चंदौली ने केंद्र सरकार से कोविड-19 महामारी के दौरान जारी की गई जी एसआर 220 (ई)अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है। दवा विक्रेता समिति चंदौली के महामंत्री नवनीत कुमार सिंह एवं अध्यक्ष जयप्रकाश मौर्य जी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अवैध ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा दुरुपयोग किए जाने से जन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है ।यह अधिसूचना मार्च 2020 में कोविड , कोविड महामारी के समय जारी की गई थी जिसके तहत दवावों के वितरण के लिए कुछ शर्तों के साथ घर-घर दवाइयां पहुंचाने की अनुमति दी गई थी। एआईओसीडी और दवा विक्रेता समिति चंदौली उत्तर प्रदेश और पूरे भारत में 12 लाख चालीस हजार से अधिक केमिस्ट और वितरकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने तीसरी बार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को पत्र भेज कर इस अधिसूचना को रद्द करने की अपील की है । महामंत्री जी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान इस अधिसूचना का उद्देश्य केवल आपातकालीन स्थितियों में स्थानीय दवा विक्रेताओं के माध्यम से दवाइयो की डिलीवरी को नियंत्रित करना था। लेकिन अब इसे अवैध ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा बिना किसी नियामक सुरक्षा उपायों के दवावो के वितरण के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है ऐसे प्लेटफार्म प्रिस्क्रिप्शन के बिना दवाइयां बेच रहे हैं जो स्व चिकित्सा नशीली दवावों के दुरुपयोग और एंटीमाइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस दोनों पदाधिकारी ने बताया कि कोविड-19 की आपातकालीन चरण का अंत हो चुका है और स्थिति अब सामान्य हो चुकी है इसलिए जी एसआर 220 की अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए अन्यथा हम लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर आशीष अग्रवाल, आशीष जायसवाल, संतोष उपाध्याय, विकास सिंह,गुरु प्रसाद गुप्ता अन्य दवा विक्रेता समिति के सदस्य और पदाधिकारी गण मौजूद थे।

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