धर्म

शबे बरात पर इस्लामिक सेन्टर ने जारी किया एडवायजरी

शबे बरात में केवल इबादत करें, फुजूल कामों से बचेंः मौलाना खालिद रशीद

सरफराज अहमद
लखनऊ। इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली (इमाम ईदगाह लखनऊ) की अध्यक्षता में इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया में एक अहम् मीटिंग शबे बरात के सम्बन्ध में आयोजित की गई। इस अवसर पर मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि शबे बरात एक नूरानी और बरकत वाली रात है। इस अवसर पर खूब इबादत की जाती हैं, नफली नमाजें पढ़ी जाती हैं, कुरान पाक की तिलावत की जाती है। विर्द और वजीफे पढ़े जाते हैं, अपने लिए और दूसरों के लिए दुआयें मॉगी जाती हैं, स‌दका और खैरात का एहतिमाम होता है। कब्रस्तिानों में जाकर अपने रिश्तेदारों और अन्य मरहूम के लिए मगफिरत की दुआ की जाती हैं और नफली रोजा रखा जाता है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि शबे बरात बहुत फजीलत वाली रात है। इस रात में बन्दों की उम्र, रोजी, सेहत और जिन्दगी का निर्धारित किया जाता है। इस में खुदा पाक के वह बन्दे जो उससे अपने गुनाहों की मॉफी माँगते हैं, गलत कामों से तौबा करते है, अपने लिए खैर व बरकत, मगफिरत व रहमत की दुआयें मॉगते हैं उनका रहीम व करीम आका व मालिक उनकी दुआओं को कुबूल करता है। मौलाना ने कहा कि पन्द्रहवीं शब को नमाज पढ़ना और दिन को रोजा रखना मसनून है। हदीस में आया है कि खुदा पाक इस शब में आसमान दुनिया पर गुरूबे आफताब से सुबह सादिक तक तजल्ली फरमाता है और इरशाद होता है कि जो शख्स अपने गुनाहों को बखशवाना चाहता हो वह आये में उसके गुनाहों को बख्श दूँगा। जो शख्स रिज्क हासिल करना चाहे मैं उसको रोजी दूँगा जो किसी मुसीबत में हो उसकी मुसीबत को दूर करूँगा। मीटिंग को मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी प्रधानाचार्य दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल, ऑल इण्डिया सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मो० मुश्ताक, मौलाना मो० जफरुद्दीन नदवी और मौलाना मो० सुफयान निजामी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर दारूल उलूम के तमाम अध्यापक शरीक थे। शबे बरात के सिलसिले में इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया ने निम्नलिखित बिन्दुओं पर आधारित एडवायजरी जारी की है। 1- शबे बरात जो कि इस साल 13 फरवरी 2025 को है इस अवसर पर मुसलमान अपने मरहूम रिश्तेदारों के ईसाले सवाब के लिए कब्रिस्तान जाते हैं, इस लिए इस बात का विशेष ख्याल रखें कि पार्किंग के लिए जो स्थान निर्धारित हैं वहीं पर अपनी गाड़ी पार्किंग करें ताकि लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। 2- शाबान का पूरा महीना फजीलतों का है। इस लिए सदके और खैरात का अधिक से अधिक एहतिमाम करें। 3- शबे बरात इबादत की रात है इसमें सिर्फ इबादत ही करें और किसी भी प्रकार की आतिशबाजी ने करें। 4- इस मुबारक रात में मोटर साइकिल स्टंट बिलकुल न करें और दूसरे फुजूल कामों से बचें। 5- इस रात में अपने घर वालों के साथ साथ पूरे देश की हिफाजत उन्नति शान्ति अमन व अमान के लिए दुआ करें। 6- इस अवसर पर भी जरूरतमंदों, गरीबों और बीमारों की सहायता करके अपने मरहूमों को सवाब पहुंचायें। रोजे का विशेष एहतिमाम करें।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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