धर्म

शबे मेराज आज, पूरी रात होगी इबादत

झोली फैलाओ मांग लो, जो चाहो रब से आज

सरफराज अहमद

वाराणसी।शबे मेराज है, मेराज की इस रात की अहमियत इसी से लगायी जा सकती है कि इस मुक़द्दस शब को प्यारे नबी हुजूर हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.) रब से मुलाक़ात करने सातों आसमान का सफर तय करते हुए अल्लाह रब्बुल इज्जत के पास पहुंचे थे। आज तमाम लोगों ने इस खुशी में रोज़ा रखा है जगह-जगह महफ़िलें सजायी जा रही। इस रात की इबादत का शरफ ख़ुदा बंदे को खूब देता है इसलिए कहा जाता है कि, झोली फैलाओ मांग लो, जो चाहो रब से आज, आज है शबे मेराज की अज़ीम रात।

शाही मस्जिद ज्ञानवापी में जश्ने मेराजुन्नबी आज रात को मनाया जाएगा। २७ जनवरी को बाद नमाज इशा शेखे तरीकत हजरत मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी साहब की अध्यक्षता में यह आयोजन होगा। मोहतमिन हाजी मुहम्मद जहाँगीर कादरी ने कहा कि हजरत मौलाना नसीर अहमद सिराजी, मौलाना मुफ्ती रिजवान अहमद अशरफी, मौलाना मुहम्मद वली उल्ला कादरी साहब नबी ए करीम की मेराज की खूसूसियत पर तकरीर करेंगे। हाफिज अहमद आजमी, सादिक बनारसी, सेराज अहमद कामिली, मुहम्मद फैजान चाँद बारगाहे रिसालत में नजरान-ए-अकीदत पेश करेंगे। मौलाना मुहम्मद आलम जियाई निजामत करेंगे। अन्त में देश की तरक्की खुशहाली, अमन व सलामती के लिए दुआ की जायेगी।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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