वाराणसी

शादियों में फिजुल खर्ची न करने का बुनकर बिरादराना तंजीम ने किया ऐलान

जलसे में तालीम पर भी दिया जोर

सरफराज अहमद

वाराणसी। पीलीकोठी स्थित मोहल्ला कटेहर के मैदान में बुनकर विरादराना तंजीम चौदहों के सदर सरदार मकबूल हसन की सदारत में यह फैसला लिया गया कि शादियों में फिजुल खर्ची बढ़ती जा रही है। अब इस पर रोक लगाई जाएगी।

इससे पहले शनिवार को कटेहर में हुए जलसे का आयोजन पाक-कुरान की तेलावत से किया गया। जलसे में शादियों में फिजुल खर्ची पर चिंता जताई गई और रोक लगाने का ऐलान किया गया। मुफ्ती-ए-शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने जलसे को खेताब करते हुए कहा कि मजहबे इस्लाम दुनिया की भलाई के लिए काम करता है। जब भी कोई दुश्वारियां और परेशानी समाज में आती है उसे दूर करने के लिए उलेमा और आलिम आगे आकर परेशानी का हल ढूंढते हैं। मौजूदा वक्त में समाज को निकाह और वलीमा में फिजूल खर्ची बढ़ती जा रही है जो ठीक नहीं है। उन्होंने शादियों में फिजुल खर्च न करने पर जोर देते हुए बच्चों को बेहतर तालीम देने पर जोर दिया। इस मौके पर हाजी अब्दुल वाहिद, इशरत उस्मानी, तूफैल अंसारी, मौलाना बेलाल, अनीसुर्रमान, फुलानु, अब्दुल रहीम, कल्लू हाजी, हाजी वकील, मोहम्मद अंसारी, अनिसूरहमान उर्फ कल्लू (पूर्व पार्षद) इत्यादि लोग मौजूद थे।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button