मऊ:घोसी तहसीलदार के भ्रष्ट रवैये के खिलाफ वकील हुए लामबंद, कार्य बहिष्कार कर की नारेबाजी

— अब तो ये स्पष्ट है तहसीलदार भ्रष्ट है” के लगे नारे
— एसडीएम से मुलाकात के बावजूद नहीं निकला कोई हल
— बिना साक्ष्य और बहस सुने, घोसी तहसीलदार ने सैकड़ों फाइलें कि खारिज
सतीश कुमार पांडेय
मऊ। घोसी तहसीलदार शैलेंद्र सिंह के भ्रष्टाचार के खिलाफ वकील समुदाय एकजुट हो गया है। वकीलों ने तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मिश्र के नेतृत्व में सोमवार को तहसील परिसर में चक्रमण किया और तहसीलदार का बहिष्कार करते हुए उनके खिलाफ तीखे नारे लगाए। वकील समुदाय ने खुले तौर पर यह आरोप लगाया कि घोसी तहसीलदार के भ्रष्ट रवैये से न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा है और आम जनता को परेशानियां हो रही हैं। वकील “अब तो ये स्पष्ट है तहसीलदार भ्रष्ट है” जैसे नारे लगा रहे थे और उन्होंने पूरी तरह से तहसीलदार का बहिष्कार करने का ऐलान किया। वकीलों की समस्याओं को सुनने के लिए एसडीएम अभिषेक गोस्वामी ने एसडीएम ऑफिस के बाहर आकर उनसे मुलाकात की, लेकिन इस मुलाकात के बाद भी कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया। अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाए, तो उनका विरोध और तेज़ हो सकता है।
अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि इस मुद्दे पर कार्रवाई न होने तक उनका विरोध जारी रहेगा, और प्रशासन को इस गंभीर मामले पर ध्यान देना होगा। अधिवक्ताओं ने घोसी तहसीलदार शैलेंद्र चंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना साक्ष्य और बिना किसी बहस के सैकड़ों फाइलों को खारिज कर दिया। यह मामला तहसील में प्रशासनिक प्रक्रियाओं की अव्यवस्था और न्यायिक निष्पक्षता की कमी को उजागर करता है।
अधिवक्ताओं का कहना है कि तहसीलदार ने बिना मामलों की सही से जांच किए और बिना संबंधित पक्षों की सुनवाई किए फाइलों को खारिज किया, जिससे वादियों और अधिवक्ताओं में नाराजगी फैल गई। यह स्थिति घोसी में प्रशासनिक पारदर्शिता की आवश्यकता को स्पष्ट करती है। इस दौरान तहसील बार एसोसिएशन घोसी और कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन मऊ के पदाधिकारी समेत बड़ी तादाद में अधिवक्ता मौजूद रहे।