कैसे करें!आंखों की देखभाल

प्राची राय
साक्षी जैसे ही आदित्य को काजल लगाने गयी । साक्षी की माँ ने रोक लिया । साक्षी रूक गयी ,लेकिन कारण कुछ समझ मे नहीं आया । साक्षी पूछती “मम्मी आदित्य को काजल लगाने से क्यों रोका ।
माँ बोली तुम पहले अपने हाथो को अच्छी तरह धो लो, फिर लगाओ काजल । तुम सुबह से कामों मे लगी हो , पता नहीं हाथ मे क्या लगा होगा । आदित्य का आँख खराब हो जाएगा तब।
” मम्मी भूल हो गयी ” कहते हुए साक्षी ने अपने हाथ धोएँ, फिर आदित्य को काजल लगाया।
साक्षी जाने लगी तो माँ ने उसे रोककर अपने पास बैठा लिया । काम तो होते रहेंगे । बैठो और अर्पिता को भी बुला लो।आराम से सुनो ।। मैं आँखो की देखभाल के लिए कुछ जरूरी बातें बताना चाहती हूँ।
‘कहिए माँ ‘ और वह ध्यान से सुनने लग गई।
माँ — साक्षी ! ईश्वर ने हमारे शरीर में ये जो दो आंखे दी है , ये हमारे लिए बहुत कीमती है। हमे संभालकर रखना चाहिए । इनकी देखभाल करें इनके बिना हमारा जीवन नीरस हो सकता है। आंखो से तो हम रंग बिरंगी दुनिया को देख सकते है ,यदि आंखें नहीं है तो हरे हरे खेत अनेक रंगों वाले फूल सब कुछ काला और बेकार हो जाएगा ।
साक्षी ‘ माँ जिसके पास आंख नहीं है वो तो कुछ भी देख नहीं सकता ।’और भी बताइए
माँ –” साक्षी यदि गौर न करे तो छोटे से बच्चे की आंखें भी कमजोर हो जायेगी । उसे भी ऐनक लगवाने की नौबत आ सकती है, यदि आंखें स्वस्थ रखी जाए तो ऐनक की भी आवश्यकता नहीं।”
साक्षी ! विटामिन ए हमारी आंखों के लिए एक अति आवश्यक तत्व है। हमे रोज विटामिन ए को अधिक मात्रा में लेना चाहिए । हरी सब्जियों का नियमित सेवन पपीता , गाजर , टमाटर अधिक मात्रा मे खाना चाहिए । इससे आंखों को लाभ मिलता है।
प्रातः सुबह उठकर आंखो पर ठण्डें ताजे पानी के छीटे मारने से रोशनी बढंती है।
साक्षी मम्मी मैं समझ गयी । अब जाती हूँ कालेज देर हो रहा है।
नहीं । अभी नहीं । बैठो।
माँ –” साक्षी ! एक दो बातें और सुन लो । छोटे बच्चों को कभी सुई , चाकू या नुकीली वस्तुएं मत दो । ऐसी चीजों को बच्चों से दूर रखने मे ही भलाई है। बच्चे इन्हें सीधा चेहरे की ओर ले जाते है। कही अपने आंखों मे ही न लगा बैठे।
अब तो घर घर मे टीवी है। टीवी से निकलने वाली रोशनी का आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अतः टीवी सिनेमा कम से कम देखना चाहिए । यदि हम स्वयं ही टीवी से दूर रहेंगे , तभी बच्चों को भी कह सकेंगे।
कभी भी कम रोशनी में मत पढों । कढ़ाई सिलाई या और बारीक काम भी उपयुक्त रोशनी मे ही करे। कम रोशनी से भी आंखों को नुकसान पहुँचता है।
साक्षी – “मैं तो कम रोशनी मे ही सिलाई कर लेती हू, इसलिए आंखों में दर्द होता है।”
माँ–” यदि काम के कारण आंखों को थकावट महसूस हो रही हो। आंखे बोझिल लग रही हो तो काम न करे ऑखों को आराम दे । ठण्डें पानी में भिगोकर आंखो पर रखे।”
एक बात और जब भी रसोई में काम करती हो,छौक आदि लगाती हो।उस समय अपने चेहरों को दूर रखे ताकि छौक का मसाला दाने या कुछ भी उछलकर ऑखों में न पड़े ऑखों को हानि न पहुँचाए ,थोड़ी सी लापरवाही ऑखों के लिए जानलेवा हो सकती है।
साक्षी -” ठीक है अब से ध्यान दूंगी और हाँ कालेज जाती हूँ । तुम्हारे चक्कर मे बहुत देर हो रहा है।