
सविता सिंह
वाराणसी। आज हमारा देश 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है क्या हम सही मायने मे स्वत्रंत है।आज की जीवन शैली में हम स्वतंत्रता और गणतंत्रता दोनों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। स्वतंत्रता का अर्थ है अपनी इच्छाओं और निर्णयों में स्वतंत्रता प्राप्त करना, जबकि गणतंत्रता का तात्पर्य है लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हुए समाज के प्रति जिम्मेदार होना। स्वतंत्रता का महत्व इस संदर्भ में है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन के निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए, लेकिन यह अधिकार समाज के नियमों और संविधानों के अनुसार होना चाहिए। इसी तरह, गणतंत्रता का अर्थ है कि हर नागरिक को न केवल अपनी स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए, बल्कि देश की प्रगति में भी सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।
आधुनिक जीवन शैली में, जहां तकनीकी विकास और वैश्वीकरण ने नए अवसरों और चुनौतियों को जन्म दिया है वहीं यह आवश्यक हो गया है कि हम अपनी स्वतंत्रता का सही उपयोग करें और समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझें। इसलिए स्वतंत्रता से गणतंत्रता की ओर का यह सफर हमें सिखाता है कि निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर सार्वजनिक भलाई की ओर भी अपने दायित्वों को निभाया सोचना जाए ।