Mirzapur पुलिस ने किया खुलासा,30.10 करोड़ की अष्टधातु मूर्ति बरामद,पुजारी ने कराई मूर्ति की चोरी

मंदिर के पुजारी ने ही कराई थी मूर्ति की चोरी, सपा नेता समेत चार गिरफ्तार
कठिनई स्थित श्री राम जानकी मंदिर से श्री राम सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां हुईं थीं चोरी
पड़री पुलिस और एसओजी टीम ने बंशी बाबा के साथ उसके तीन साथियों को किया गिरफ्तार
Reporter (तारा त्रिपाठी)
Mirzapur News पांच दिन पहले पड़री के कठिनई स्थित श्रीराम जानकी मंदिर से अष्टधातु की मूर्तियों की चोरी का खुलासा शनिवार को पुलिस ने किया। मंदिर के दूसरे नंबर के पुजारी बंशी बाबा ने ही मूर्तियां चोरी कराई थी। इसके बाद थाने पहुंचकर उसने मुकदमा भी दर्ज कराया था।
पड़री पुलिस और एसओजी ने बंशी बाबा और उसके तीन साथियों को हाईमाई मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से 30.10 करोड़ की मूर्तियां, मुकुट, हार और कुंडल भी बरामद हुए हैं। एएसपी ऑपरेशन ओपी सिंह और सीओ सदर अमर बहादुर ने पुलिस लाइन सभागार में यह जानकारी दी। एएसपी ने बताया की मंदिर में 13 जनवरी की रात मंदिर से श्रीराम, जानकी और लक्ष्मण की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो गई थीं। 14 जनवरी को भोर में मंदिर के सेवादार राजेश यादव ने मंदिर के महंत पड़री मंदिर से चोरी की गई सीता, राम व लक्ष्मण की मूर्ति।महामंडलेश्वर जयराम दास को इसकी जानकारी दी थी। महत प्रयागराज महाकुंभ में मौजूद थे। इसलिए उन्होंने अपने शिष्य बंशी बाबा को भेजा। वंशी बाबा ने चोरी का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि सीओ सदर अमर बहादुर के नेतृत्व में पड़री थानाध्यक्ष दयाशंकर ओझा,सर्विलांस प्रभारी मानवेंद्र सिंह और एसओजी प्रभारी राजीव कुमार सिंह मामले की जांच में जुटे थे। पुलिस ने मार्ग में लगे सीसी कैमरों की फुटेज की जांच की। आश्रम की गाड़ी रात में आते-जाते दिखी। श्रीराम-जानकी मंदिर से श्रीराम-सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां चोरी हुई थीं। इसके बाद पुलिस को बंशी बाबा पर शक हुआ। शनिवार को सुबह पुलिस ने मंदिर के पास छिपाकर रखी गई। मूर्तियों को लेने पहुंचे बंशी बाचा निवासी दसोपुर थाना कोईरीना भदोही, लवकुश पाल निवासी दसीपुर थाना कोईरीना, मुकेश कुमार सोनी निवासी पूरे नान्हा शुक्ल थाना महेशगंज प्रतापगढ़ और रामबहादुर पाल निवासी डुबकोखुर्द जुड़ईपुर थाना हंडिया पड़री मूर्ति चोरी में पकड़े गए आरोपी।
अलग मठ बनाने के लिए बंशी बाबा ने की चोरी

एएसपी आपरेशन ओपी सिंह ने बताया कि बंशी बाबा ने अपना दूसरा मठ बनाने के लिए मूर्ति चोरी की घटना को अंजाम दिया। बंशी बाबा ने पूछताछ की पूछताछ में बताया कि वह तीन साल से मंदिर की देखरेख कर रहा है। मंदिर के स्वामित्य को लेकर उसके गुरु महराज जयरामदास और सतुआ बाबा के बीच विवाद चल रहा है। इसकी जानकारी होने पर यह जयरामदास की मदद के लिए आश्रम आ गया था। जयरामदास ने वादा किया था कि सतुआ बाबा से विवाद खत्म होने पर उसे उत्तराधिकारी बना देंगे। दो महीने पहले उसे यह जानकारी मिली थी कि जयरामदास यह गद्दी अपने भतीजे को देना चाहते हैं। उसने योजना बनाई कि मंदिर की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी कर बेच देगा और अपना अलग मठ बनाएगा। इसलिए अपने साथियों के साथ मिलकर मिलकर उसने चोरी की। उनके पास से 30 करोड़ 10 लाख कीमत की अष्टधातु की मूर्तियां, दो मुकुट, एक हार एक कुंडल और चोरी में इस्तेमाल की गई बोलेरो बरामद हुई। जिस गाड़ी से बंशी बाबा ने चोरी की घटना को अंजाम दिया, यह ओमकार बाबा के नाम पंजीकृत है। चोरी के दौरान बंशी बाबा ने गाड़ी को नंबर प्लेट बदल दी थी। इसी गाड़ी की पुलिस ने प्रयागराज जाने वाले टोल प्लांजा और अन्य जगहों पर लगे सीसी कैमरों की फुटेज में देखा तो बाबा पर चोरी का शक हुआ।
