उत्तर प्रदेशक्राइममिर्जापुर

यौन उत्पीड़न के खिलाफ बेटियों ने बुलंद की आवाज

नहीं रुक रही है समाज में महिला हिंसा

मिर्जापुर। कन्या भ्रूण हत्या, यौन उत्पीड़न, दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अहरौरा के अधवार गाँव स्थित सर्वोदय इंटर कॉलेज की छात्राओं ने आवाज़ बुलंद की। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में शामिल छात्राओं ने घरेलू महिला हिंसा बंद करो, भ्रूण हत्या पर रोक लगाओ, बाल विवाह बंद करो, भीख नहीं अधिकार चाहिए, जीने का सम्मान चाहिए, यौन हिंसा पर रोक लगाओ आदि नारे लगाये। हस्ताक्षर करके इसे जड़ से मिटाने का संकल्प लिया है। घरेलू महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा 25 नवंबर से 10 दिसंबर अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस तक के तहत सहयोग लखनऊ और उम्मीद फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान किया गया।उम्मीद फाउंडेशन के प्रमुख महेंद्र राठौर ने कहा कि आज भी समाज में लड़कियों और महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जबकि संवैधानिक व्यवस्था ने सबको समान अधिकार दिये हैं। सामाजिक व्यवस्था के कारण महिलाओं और लड़कियों को बराबरी का अधिकार नहीं प्राप्त हो पा रहा है। इसलिए समाजिक व्यवस्था में बदलाव लाना जरूरी है। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि भारत में हिंसा कई रूप में होती है। 70 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन में किसी न किसी रूप में हिंसा का सामना करती हैं। कोरोना महामारी के बाद लैंगिक हिंसा का दर बढ़ कर पहले से अधिक हो गया हैं। सभी लोग एकजुट होकर हिंसा मुक्त जीवन के लिए संघर्ष करें। कालेज के प्रवक्ता आनंद किशोर सिंह ने ग्रामीणों से लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा पढा़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की अपील की है।‌ अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य शैलेन्द्र पाठक और संचालन नंदनी धन्यवाद ज्ञापन सीमा देवी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप महेंद्र राठौर, राजकुमार गुप्ता, नंदनी, सीमा, शैलेंद्र पाठक, आनंद किशोर सिंह कालेज के समस्त स्टाफ़ शामिल थे।

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मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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