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BHU कुलपति प्रो.सुधीर कुमार जैन ने महिला महाविद्यालय की नवप्रवेशी छात्राओं से किया संवाद

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने किया महिला महाविद्यालय की नवप्रवेशी छात्राओं से संवाद, जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु किया उत्साहवर्धन


हिंदुस्तान संदेश
सुशील कुमार मिश्र/वाराणसी
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि विद्यार्थियों की आकांक्षाओं को पूरा करने तथा लक्ष्यों को हासिल करने हेतु उन्हें सशक्त व सबल बनाने में शैक्षणिक संस्थान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इस ज़िम्मेदारी को लेकर पूरी प्रतिबद्धता व गंभीरता के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रो. जैन महिला महाविद्यालय में नवप्रवेशी छात्राओं से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तीन पहलु सबसे महत्पूर्ण हैं, शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होना, स्वस्थ व सकारात्मक संबंध विकसित करना तथा करियर में आगे बढ़ना। उन्होंने कहा कि सफलता के सभी के लिए अलग अलग मायने हो सकते हैं, लेकिन ज़रूरी यह है कि हम अपनी सफलता को दूसरों के पैमाने पर न तोलें। बीएचयू के महिला महाविद्यालय में देश के विभिन्न हिस्सों से छात्राएं शिक्षा अर्जन के लिए प्रवेश लेती हैं। कुलपति जी ने छात्राओं का आह्वान किया कि वे पूर्ण आत्मविश्वास के साथ अपने जीवन के फैसले लेना सीखें और गलतियों से न घबराएं। उन्होंने कहा कि हम गलतियों से ही सीखते हैं औऱ अंततः महत्वपूर्ण क़दम उठाने हेतु आत्मविश्वास विकसित करते हैं।
प्रो. जैन ने छात्राओं से उनके जीवन के उद्देश्यों के बारे में पूछा। उन्होंने छात्राओं को बताया कि किसी क्षेत्र विशेष में ऊंचाईयां हासिल करने के लिए हमें सिर्फ उस विषय से संबंधित जानकारी प्राप्त करने तक ही खुद को सीमित नहीं रखना है, बल्कि अपने व्यक्तित्व में उन खूबियों को विकसित करना है, जिनसे हम एक कुशल पेशेवर होने के साथ साथ अपने व्यक्तित्व के लिए भी जाने जाएं। अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कुलपति जी ने सलाह दी कि भावनात्मक दृढ़ता का गुण विकसित करना अत्यंत आवश्यक है, जिससे विषम परिस्थितियों में भी भावनाएं हम पर हावी न हों। इससे न सिर्फ हमारा संतुलन बना रहेगा बल्कि विवेकपूर्ण निर्णय लेने व अच्छा प्रदर्शन करने की हमारी क्षमता भी प्रभावित नहीं होगी।
प्रो. जैन ने कहा कि उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए स्वानुशासन, जीवन मूल्यों का पालन करना, समय प्रबंधन, तथा लोगों व परिस्थितियों के प्रति सकारात्मक रवइय्या अपनाने जैसे गुण होना आवश्यक है। उन्होंने छात्राओं को बताया कि व्यवहार में सकारात्मकता लाकर बेहतर संबंध व साझेदारियां निर्मित की जाती हैं और नकारात्मक भावनाएं हमारी प्रगति में बाधक बनती हैं। उन्होंने कहा कि सकारात्मकता दृष्टिकोण विकसित करने के लिए स्वयं को तैयार करना पड़ता है और इसमें कई बार कामयाबी भी नहीं मिलती, लेकिन निरंतर प्रयास से हम खुद को एक बेहतर इंसान के रूप में स्थापित कर सकते हैं।
कुलपति जी ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही मार्ग पर चलना और सही तरीके अपनाना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी हो सकता है कि हमारे सामने सही काम के लिए गलत निर्णय लेने की स्थिति उत्पन्न हो जाए। लेकिन हमें दृढ़ता के साथ यह तय करना होगा कि कुछ भी हो हम अनुचित मार्ग की ओर नहीं बढ़ें। ऐसा करने के लिए नैतिक बल व हिम्मत की आवश्यकता होती है, जो हमारे दृढ़ निश्चय व आदर्शों के लिए प्रतिबद्धता से आता है। उन्होंने कहा कि संस्थान संसाधन व सुविधाएं तो मुहैया करा सकता है, लेकिन कड़ी मेहनत विद्यार्थियों को ही करनी होगी। कुलपति जी ने छात्राओं के सशक्तिकरण के प्रति काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता दोहराई और इस दिशा में आरंभ की गई योजनाओं के सक्रिय व सफल क्रियान्वयन के लिए महिला महाविद्यालय की सराहना की। उन्होंने छात्राओं को बाल दिवस की शुभकामनाएं दीं। साथ ही साथ विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता करने तथा पदक जीतने वाली छात्राओं को बधाई दी।
महिला महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रीता सिंह ने स्वागत संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि महिला महाविद्यालय को ख्याति व प्रतिष्ठा के नए शिखर पर पंहुचाने हेतु कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के प्रयास व योगदान अतुलनीय हैं। उन्होंने कहा कि कुलपति जी के मार्गदर्शन में चल रहे नेतृत्व विकास तथा विद्यार्थी कल्याण कार्यक्रमों से न सिर्फ बड़ी संख्या में छात्राएं लाभान्वित हो रही हैं बल्कि संस्थान में सकारात्मक, ऊर्जापूर्ण व प्रेरणादायक वातावरण उत्पन्न हुआ है। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों के विकास हेतु कुलपति जी द्वारा आरंभ योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि महाविद्यालय के अनेक शिक्षक अन्य संस्थानों में शैक्षणिक य़ात्राओं पर गए हैं तथा वहां की उत्तम पद्धतियों को अपने यहां क्रियान्वित करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु प्रस्तावित विभिन्न इकाइयों की भी जानकारी दी।
इस दौरान महाविद्यालय कि छात्रा द्वारा लिखित पुस्तक कुलपति जी को भेंट की गई। महाविद्यालय की प्लेसमेंट सेल की तरफ से प्रो. नीलम श्रीवास्तव तथा विद्यार्थी कल्याण इकाई की ओर से प्रो. ललिता वत्ता द्वारा कुलपति जी का विशेष रूप से अभिनंदन किया गया। डॉ. रुक्मिणी जायसवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. भानु प्रताप ने धन्यवाद भाषण प्रेषित किया।

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Himanshu Rai

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