बलिया। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा द्वारा आराधना राय को मनोविज्ञान में Ph.D.की उपाधि दी गई। ।
मूलत: बिहार के आरा जिले की डिलियां गांव की रहने वाली हैं लेकिन इनकी स्नातक प्रतिष्ठा तक की पढ़ाई महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय बक्सर से हुई। डाॅ आराधना राय की शादी सन 2006 में भरौली में हुई राम बहादुर राय जी साथ हुई।हालांकि शादी के बाद भी हार नहीं मानी तो पुन: सन 2010 में महाराजा कालेज आरा से स्नातकोत्तर (मनोविज्ञान) में प्रथम श्रेणी में पास की, फिर सन 2015 में बी. एड. कीं लेकिन मन नहीं लगा। अत: अपने पति श्री राम बहादुर राय की इच्छा और अपनी आकांक्षा के अनुरूप वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा से 2019 में Ph.D.का फार्म भरकर प्रवेश परीक्षा पास कर सन 2020 में शोध कार्य में जुट गईं।तमाम झंझावातों को झेलते हुए अपने ससुर श्री रामायन राय जी, सासु मां श्रीमती मालती देवी जी और पति के विशेष सहयोग से डाॅ मंजू सिंह मैडम के निर्देशन और विभागाध्यक्ष डाॅ लतिका मैडम की छत्रछाया में रहकर,अपने शोध कार्य को पूरा कीं और आज इन्हें वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा द्वारा Ph.D. की उपाधि 13 दिसंबर को दी गई ।
जैसा कि हम जानते हैं राम बहादुर राय जी भी हिन्दी और भोजपुरी के कवि-लेखक हैं तथा इनकी भी लगभग 08 पुस्तकें प्रकाशित हैं।राम बहादुर राय को विद्या वाचस्पति और विद्यासागर की उपाधि से भी नवाजा जा चुका है। वह भी उसी परिवार में जहां पर हिन्दी व भोजपुरी के प्रख्यात साहित्यकार डाॅ विवेकी राय जी का जन्म हुआ ।
आराधना राय से डाॅ आराधना राय का सफर तय करने में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ प्रियंका पाठक मैडम,डाॅ कृतिका मैडम इत्यादि तथा,बक्सर के श्री पप्पू चौबे जी, आयुर्वेद के सुप्रसिद्ध डाॅ एवं मनोविज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ जयप्रकाश मिश्रा जी (M.V.college Buxar),महाराजा कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ मनोज सिंह,दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ विजय शंकर वर्मा, प्रोफेसर डाॅ धनंजय सर ,बक्सर के डाक्टर एल.बी.राय,सुशील कुमार राय आदरणीय श्री नन्द कुमार तिवारी बाबा,डाॅ राणा अवधूत कुमार, इनके पिता आदरणीय श्री देवशरण चौधरी जी, माता श्रीमती कमला देवी भाई श्री दिनेश राय एवं भाभी श्रीमती मुन्नी राय जी, श्री कन्हैया पाठक व अन्य बहुत लोगों का सहयोग रहा ।