वाराणसी। हजरत रहीम शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिनी सालाना उर्स अकीदत और एहतराम के साथ बाबा के बेनिया स्थित आस्ताने में कल से मनाया जाएगा। इस दौरान बाबा के आस्ताने पर फातिहा पढ़ने और मन्नतों की चादर चढ़ाने के लिए अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ेगा। दूरदराज़ से आए अकीदतमंदों के लिए यहां खास इंतज़ाम किए जा रहे हैं। बाबा के दर पर हाजिरी के साथ ही तकरीर और नात-ए-पाक का नजराना भी बाबा की शान में पेश किया जायेगा। तीन दिनी उर्स की शुरुआत मंगलवार को हजरत रहीम शाह बाबा के दर पर पाक कुरान की तेलावत से होगी। जोहर की नमाज के बाद महफिल-ए-शमां का आयोजन किया जायेगा। शाम को चादरपोशी और मगरिब की नमाज के बाद मीलाद शरीफ होगा। मीलाद शरीफ में बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल होते हैं। उर्स के मौके पर तकरीर और लंगर का भी दौर चलेगा। सुबह से शाम तक बाबा के दर पर फातिहा पढ़ने वाले आयेगे। आने वालों का खैरमखदम सज्जादानशीन मोहम्मद सैफ रहीमी करेंगे। उर्स को देखते हुए दरगाह को सजाया गया है, तथा आसपास भी सजावट की गई।
*यह है उर्स की रवायत*
पहले दिन फज्र के बाद कुरआन ख्वानी, जोहर के बाद महफिले समां, असर बाद चादर पोशी, मगरिब बाद मिलाद शरीफ, ईशा बाद तकरीर व लंगर चलेगा। ऐसे ही दूसरे दिन फज्र के बाद कुरआनख्वानी, बाद नमाज असर ग़ुस्ल मजार शरीफ, बाद नमाज मगरिब सरकारी चादर पोशी व मिलाद शरीफ, बाद नमाज ईशा लंगर व महफिले समा का आयोजन किया जाएगा फिर तीसरे दिन फज्र में कुरआन ख्वानी के बाद 10:30 बजे कुल शरीफ व बादहु रंग महफ़िल, लंगर फिर बाद नमाज मगरिब महफिले समां होगा। आखिर में अमन और मिल्लत की दुआएं मांगी जाएगी।