वाराणसी। महानगर के पहाड़िया,नकखीघाट, तपोवन आश्रम के निकट श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश जी के लान में हिन्दी साहित्य भारती का उपवेशन एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन प्रदेश मंत्री एवं काशी और गोरक्ष प्रान्त प्रभारी कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के प्रमुख संयोजन/ संचालन में श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश जी के स्वागत संरक्षण में दी सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी के पूर्व अध्यक्ष एवं काशी सेवा समिति के सभापति डॉ.रामअवतार पाण्डेय एडवोकेट के अध्यक्षता में हिन्दी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रवीन्द्र शुक्ल ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन के दौरान बताया कि -मानव बन जाए जग सारा,यह पावन संकल्प हमारा के साथ -साथ दुनिया में सिर्फ एक धर्म है सनातन जिससे अनेकों शाखाएं बनी हैं।हमारा आचार, विचार और संस्कार सही रहे।इस भावना के साथ हम सब समस्त संसार के लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं।अब तक सैंतीस देशों में सिर्फ चार वर्ष के अन्दर हिन्दी साहित्य भारती ने अपनी शाखा खोल दिया है। सर्वे भवन्तु सुखिन, सर्वे संतु निरामया के भाव को हम सब जन-जन के मन में जागृत करके हम सब सनातन धर्मी अपने पथ पर अग्रसर रहें। इसी भावना के साथ हम सब एकजुट हो। केवल कविता, प्रवचन, भाषण और धार्मिक आयोजनों से ही सनातन धर्म की रक्षा नहीं हो सकती। लंकेश रावण से बड़ा कोई धर्मात्मा और धार्मिक कोई नहीं हो सकता। लेकिन उसके अहंकार ने उसका सर्वनाश कर दिया। हम-सब जाति, धर्म, सम्प्रदाय से अलग हटकर सबको सनातन धर्मावलंबियों को एक साथ जोड़ने का प्रयास करें।
अतिविशिष्ट अतिथि पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं हिन्दी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. ओमप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि सबसे मिलजुलकर एकता अखंडता को बनाने वाला अपना सनातन धर्म है। इससे विधर्मियों को भी जोड़ने का हम सब प्रयास करें।
अतिविशिष्ट अतिथि हिन्दी साहित्य भारती के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रहलाद वाजपेई ने कहा कि हम सबको मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी के पदचिन्हों पर चलकर सनातन धर्म की रक्षा संभव है। विशिष्ट अतिथि विश्व हिन्दू परिषद् विभाग महामंत्री कन्हैया सिंह ने कहा कि जब – जब-जब विधर्मियों का तांडव हुआ है।तब -तब ईश्वर किसी न किसी रूप में प्रगट होकर उनका सर्वनाश किए हैं। बंग्लादेश, पाकिस्तान सहित अनेकों कट्टरपंथी देशों में सनातनियों का सर्वनाश किया जा रहा है।इसको दृष्टिगत रखते हुए हम सबको भेदभाव की भावना से अलग हटकर सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रकाश मिश्र- ज्योतिषी, गिरीश पाण्डेय बनारसी ने भी सनातन धर्म रक्षा का आह्वान किया। गोरक्ष प्रान्त अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश द्विवेदी ओम्, काशी प्रान्त के महामंत्री डॉ. ओमप्रकाश पाण्डेय निर्भय ने भी विचार व्यक्त किया।अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. रामअवतार पाण्डेय एडवोकेट ने कहा कि ना कोई रहा है,ना कोई रहेगा, दुनिया में जो रहेगा तो बस प्यार रहेगा। सबके प्रति प्रेम, परस्पर, आस्था और विश्वास के केन्द्र बिन्दु केवल सनातन धर्म में ही है। एक मात्र सनातन धर्म ही है जो सबसे पुरातन है।
स्वागत संरक्षक श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश, प्रदेश संरक्षक अखण्ड गहमरी, संजय कुमार पाण्डेय,स्वागत संयोजक हिन्दी साहित्य भारती के वाराणसी जिला अध्यक्ष राकेशचंद्र पाठक महाकाल, महानगर महामंत्री कवि सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध, प्रदेश संगठन मंत्री भजन गायक गोपाल त्रिपाठी, जौनपुर जिलाध्यक्ष सुमति श्रीवास्तव, डा. सुबाषचन्द्र, भदोही जिलाध्यक्ष संदीप कुमार बालाजी, चंदौली के महामंत्री नाट्य रंगकर्मी विजय कुमार गुप्ता, सोनभद्र जिला अध्यक्ष पवन कुमार सिंह एडवोकेट,मीरजापुर जिलाध्यक्ष-डॉ.अशोक कुमार खरे, मीरजापुर जिला महामंत्री- राजीव रंजन एडवोकेट, संजय कुमार,मऊ जिला उपाध्यक्ष राहुल सिंह, गाजीपुर जिला अध्यक्ष विनय पाण्डेय बहुमुखी सहित अनेकों हिन्दी साहित्य भारती से जुड़े लोगों ने भी अपने अन्तर्मन के उदगार और काव्य पाठ से श्रोताओं के अन्तर्मन को झंकृत किया।
स्वागत संबोधन प्रदेश संगठन मंत्री गोपाल जी त्रिपाठी, धन्यवाद आभार काशी प्रान्त के प्रमुख मार्गदर्शक, संरक्षक श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश एवं काशी प्रान्त अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने संयुक्त रूप से किया।