उत्तर प्रदेशक्राइमवाराणसी

बिना अनुमति के आयोजन कर रहे व्यक्ति से वसूला गया 1.75 लाख जुर्माना

निगम की अनुमति के बिना गंगा घाटों पर अब नही होगा कोई आयोजन

वाराणसी। अब गंगा घाटों पर बिना नगर निगम की अनुमति के कोई संस्था या व्यक्ति कोई आयोजन या कार्यक्रम नहीं कर सकेगा। नगर निगम ने इस पर सख्ती से रोक लगा दी है। निगम ने कहा है कि यह देखा जाता है कि कई संस्थाओं या व्यक्तियों द्वारा आये दिन गंगा घाटों पर विभिन्न आयोजन किए जाते हैं तथा उनके द्वारा जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन या अन्य विभागों से अनुमति तो ले ली जाती है, परन्तु नगर निगम से अनुमति प्राप्त नहीं करते हैं। जबकि नगर निगम ही घाटों की साफ सफाई, मरम्मत एवं अन्य सौन्दर्यीकरण का कार्य करता है, जिससे कार्यक्रम के समापन के पश्चात वहॉ पर काफी गन्दगी एवं कहीं कहीं पर सड़क टूट फूट भी जाती है, जिसे नगर निगम द्वारा ठीक कराया जाता है। उसी को देखते हुये नगर निगम प्रशासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अब कोई भी संस्था या व्यक्ति अपने कार्यक्रम की अनापत्ति नगर निगम से भी प्राप्त करेगा। आज उसी क्रम में शिवाला घाट, गुलेरिया घाट तथा भोसले घाट पर गौरव कपूर नाम का व्यक्ति पंडाल लगाकर प्रचार-प्रसार का कार्य कर रहे थे। सूचना मिलने पर राजस्व विभाग के विभागाध्यक्ष सहायक नगर आयुक्त अनिल यादव तत्काल मौके पर पहुॅच कर जब पता किया गया तो गौरव कपूर के द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा प्रति वर्ष यह कार्यक्रम किया जाता है, परन्तु नगर निगम से अनुमति प्राप्त नहीं की जाती है। नगर निगम से अनुमति प्राप्त न करने की दशा में सहायक नगर आयुक्त के द्वारा 1.75 लाख जुर्माना लगाया गया, तथा आयोजक द्वारा तत्काल जुर्माने की धनराशि जमा की गयी। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि आम जनमास से द्वारा किसी भी प्रकार का आयोजन गंगा के घाटों पर किया जाना है तो उसके पूर्व उने द्वारा नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। अन्यथा कि स्थिति में उनके विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

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मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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