मऊ:अधिवक्ता विधेयक बिल में संशोधन को लेकर वकीलों में नाराजगी

काली पट्टी बांध कर किया चक्रमण, नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन
मऊ। 2025 के प्रस्तावित अधिवक्ता विधेयक बिल में संशोधन को लेकर घोसी तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं में गहरी नाराजगी फैल गई है। अधिवक्ताओं ने इस विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए काली पट्टी बांधकर तहसील परिसर में चक्रमण किया और अपनी आवाज उठाई। विरोध प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने इस बिल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
तहसील बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और सदस्यों ने महामहिम राष्ट्रपति को एक चिट्ठी भेजी, जिसमें विधेयक के अनुशासनात्मक प्रावधानों पर आपत्ति जताई गई और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की गई। चिट्ठी को वकील समुदाय के अध्यक्ष अनिल मिश्र और महामंत्री राजेश कुमार सोनकर के नेतृत्व में एसडीएम को सौंपा गया।
तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मिश्र ने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों से उनके पेशेवर अधिकारों और स्वतंत्रता पर गंभीर संकट आ सकता है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिये सरकार अधिवक्ताओं के अधिकारों में अत्यधिक हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है, जिससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता भी प्रभावित हो सकती है।
तहसील बार एसोसिएशन के महामंत्री राजेश कुमार सोनकर ने कहा कि अगर विधेयक में संशोधन को लेकर उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया गया तो वे आने वाले दिनों में और भी बड़े विरोध प्रदर्शन करेंगे। वकील समुदाय की इस एकजुटता ने सरकार और न्यायिक अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अधिवक्ता समुदाय के अधिकारों की अनदेखी नहीं की जा सकती।
इस दौरान पूर्व अध्यक्ष तारिक जफर आजमी, वरिष्ठ अधिवक्ता शमशाद अहमद, कालिका दत्त पाण्डेय, ब्रह्मदेव उपाध्याय, अरविंद सिंह, जय प्रकाश, ब्रजेश कुमार पाण्डेय, धर्मेंद्र, कैलाश, बाबूलाल, लालजी, प्रेम प्रताप, महेंद्र प्रताप सिंह, जय हिंद सिंह, सुतीक्ष्ण मिश्र, राम प्रवेश, नदीम अख्तर, उमाशंकर उपाध्याय, सतीश पाण्डेय समेत बड़ी तादाद में अधिवक्ता मौजूद रहे।