देशधर्म

कहीं से भी देख सकेंगे ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स की रस्में

पीएम मोदी की चादर संग मंत्री किरेन रिजिजू लॉन्च करेंगे एप और पोर्टल

सरफराज अहमद
वाराणसी। हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह अब लाइव होने जा रही है। ख्वाजा के 813 वें सालाना उर्स पर सभी रस्म एप और पोर्टल के माध्यम से लाइव दिखाई जाएगी। रजब माह की छठी तारीख को ख्वाजा गरीब नवाज का सालाना पूरी अकीदत के साथ उर्स मनाया जाएगा।

दरगाह में इस्लामिक परंपराओं के अनुरूप ख्वाजा के उर्स की रस्में शुरू हो चुकी है। 813 साल के इतिहास में संभवत: यह पहला अवसर है जब वेब पोर्टल और एप के माध्यम से दरगाह की रस्मों को लाइव दिखाने की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इस वेब पोर्टल और एप की लॉन्चिंग 4 जनवरी को केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के मंत्री किरेन रिजिजू अजमेर में करने आ रहे हैं।

अजमेर की दरगाह के वेब पोर्टल और एप का जिम्मा केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली दरगाह कमेटी का है। चूंकि दरगाह कमेटी अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन काम करती है, इसलिए केंद्रीय मंत्री रिजिजू के अजमेर आने को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रिजिजू न केवल वेब पोर्टल और एप की लॉन्चिंग करेंगे, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उर्स में भेजी गई चादर को ख्वाजा साहब की मजार पर सूफी परंपरा के अनुरूप पेश करेंगे।

पीएम मोदी ने 11वीं बार ख्वाजा से दिखाई अकीदत

देश के प्रधानमंत्री की ओर से प्रतिवर्ष उर्स में चादर भेजने की जो परंपरा 1947 से चली आ रही है, उसे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गत 11 वर्षों से निभा रहे हैं। इस दौरान रिजिजू जो वेब पोर्टल और एप लॉन्च करेंगे उसके माध्यम से ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के जीवन और उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं की जानकारी भी देश दुनिया के लोग कहीं से भी ले सकेंगे। दरगाह कमेटी ने दरगाह से जुड़े मुस्लिम विद्वानों से जानकारी एकत्रित कर वेब पोर्टल को तैयार किया है। गौरतलब हो कि ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह में खादिम समुदाय और दरगाह के दीवान की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। छह दिवसीय उर्स के दौरान होने वाली धार्मिक महफिल की सदारत दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ही करते हैं। दरगाह कमेटी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह ग़रीब नवाज़ और उनकी शिक्षाओं की जानकारी वेब पोर्टल पर दर्ज करने से पहले दरगाह से जुड़े सभी पक्षों से विमर्श भी किया। ताकि लॉन्चिंग के बाद कोई विवाद न हो। दरगाह के अंदर जायरीन को सुविधाएं उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी भी कमेटी की है। एप लॉन्चिंग के बाद दरगाह में तैयार होने वाली कमेटी के गेस्ट हाउस के कमरों की बुकिंग भी ऑनलाइन हो सकेगी।
चिराग पासवान की चादर हुई पेश
हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह गरीब नवाज़ की दरगाह में अकीदत के पुष्प व चादर पेश करने का सिलसिला शुरू हो गया। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की ओर से जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय नेता महासचिव मोहम्मद साबिर खान ने चादर पेश की। वहीं, बॉलीवुड की ओर से अभिनेता सुबोध गुलाटी, सुमेर व शालीन मल्होत्रा चादर लेकर पहुंचे। वे दरगाह के निजाम गेट से जुलूस के साथ चादर को लेकर गए।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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