धर्म

गुस्ल संग शुरू हो गया हज़रत मलंग शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह का दो दिनी उर्स

कल चढ़ेगी अकीदत की चादर, उमड़ेगा हुजूम

सरफराज अहमद

वाराणसी। हज़रत मलंग शाह बाबा का सालाना उर्स कल रात 18 जनवरी को जगजीवनपुरा (मदनपुरा) फूटी मसजिद के पास आस्ताने में धूमधाम से मनाया जाएगा। उर्स का आगाज़ आज 17 जनवरी को रात 10 बजे गुस्ल मज़ार शरीफ के साथ हो गया। गुस्ल के दौरान अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा हुआ था। गुस्ल के बाद फातेहा और दुआख्वानी की गई।

कल 18 जनवरी को फजर की नमाज के बाद बाबा के आस्ताने पर कुरानख्वानी होगी जिसमें मौजूद जायरीन बाबा के दर पर पाक कुरान की तेलावत (पाठ) करेंगे। यह सिलसिला ज़ोहर की नमाज तक चलेगा। ऐसे ही असर की नमाज़ के बाद चादर गागर का आयोजन होगा। इस दौरान महफिल-ए-कव्वाली का सूफियाना कलाम हाजी अब्दुल वहीद (मोला दा) के दौलतखाने पर आयोजित होगा। ननमाज़ ए मगरिब के बाद बाहर चादरपोशी एवं कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। नमाज़ ए इशा के बाद महफिल ए मीलाद शरीफ और जलसे का आयोजन होगा। कारी मुहम्मद शायान की तिलावत-ए-कलाम पाक से शुरू होने वाले जलसे में वसीम अत्तारी की नात का नजराना पेश करेंगे, और मौलाना शकील अहमद व मौलाना कारी आबिद की तकरीर होगी। जलसे का संचालन जमान कारी जावेद रिज़वी करेंगे। प्रेस नोट के द्वारा उर्स कमेटी मलंग शाह के सचिव हाजी- अब्दुल वहीद (मौला दा) ने आशिकान ए औलिया से शिरकत की पुरज़ोर अपील की की है।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button