उत्तर प्रदेशएजुकेशन

इरम को मिला यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडलिस्ट का खिताब

सफलता का मार्ग शिक्षा से हो कर गुज़रता है... इरम नाज़

लखनऊ। इरम नाज़ पत्नी ईशान अंसारी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में सत्र 2023–24 में एम एस सी (गणित) द्वितीय वर्ष परीक्षा में सबसे अधिक (94.66%) अंक अर्जित कर यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडलिस्ट का खिताब जीता।

इरम नाज़ के इस खिताब से उनके पति ईशान अंसारी, इरम के पिता डॉक्टर शमशाद अहमद, भाई, बहन सभी फूले नहीं समा रहे है।इरम का कहना है कि मेरे इस श्रेय के पीछे मेरे फैकल्टी के प्रोफ़ेसर है, जिनके सही मार्ग दर्शन से मैं इतने अंक अर्जित कर पाई, साथ ही साथ मेरे पति, पिता, भाई, बहनों तथा दोस्तों की दुआएं और ईश्वर की कृपा मेरे साथ रही। मेरे पति (जो सॉफ्ट वेयर इंजीनियर) ने शादी होने के बावजूद मेरे एक दोस्त बनकर, सभी कठिन परिस्थिति में हर समय मेरे साथ खड़े रहते थे, और हमेशा कहते थे कि तुम एक दिन जरूर अच्छी गणितज्ञ बनोगी और युवा पीढ़ी का मार्गदर्शक बनोगी। इरम नाज़ की ख्वाहिश है कि मैं आगे नेट, जे आर एफ और पी एच डी करने के बाद एक अच्छी शिक्षक बनकर मै हजारों बच्चों के भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकूं, जिससे हमारी युवा पीढ़ी को गणित में किसी भी प्रकार की कठिनाई न महसूस हो सकें। गणित एक बहुत ही अच्छा, और आत्म विश्वास में बल देने वाला विषय है जो सीखना कठिन नहीं है।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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