उत्तर प्रदेशराजनीति

यूपी में सपा का चुनावी दांव, मुस्लिम वोट पर नजर अखिलेश चले आजम के घर


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा में हो रहे उपचुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियां अपने वोट बैंक को साधने में जुटी हैं।भारतीय जनता पार्टी हो या फिर समाजवादी पार्टी अपने वोट बैंक तक पहुंचने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं।कुछ महीनों पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव तय कर चुके थे कि लोकसभा चुनाव में टिकट देने की नीति बदलनी चाहिए।अखिलेश यादव ने MY मतलब मुस्लिम यादव वाले समीकरण से आज़ाद होने का मन बना लिया था।यादव बिरादरी से सिर्फ़ पांच लोगों को टिकट मिला।ये सभी सैफई परिवार वाले थे।वहीं लोकसभा की 63 में चार सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे गए।इन सभी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।बता दें कि पीडीए के सामाजिक समीकरण में अखिलेश यादव का फ़ोकस ग़ैर यादव ओबीसी और दलितों पर रहा है। अखिलेश यादव ये मान कर चल रहे थे कि यादव और मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं होगा।ऐसा ही हुआ है।सपा का कांग्रेस से गठबंधन था। लोकसभा चुनाव में दोनों के फ़ायदा हुआ था।

मुस्लिमों को कम टिकट देने के पीछे अखिलेश यादव की ख़ास रणनीति थी। अखिलेश यादव को इस बात का डर था कि कहीं सांप्रदायिक ध्रुवीकरण न हो जाए और ऐसा होता भी रहा है। पिछले चार चुनावों में ऐसा ही हुआ।सपा नुक़सान में रही।मुस्लिम प्रत्याशी होने उसके ख़िलाफ़ हिंदू वोटरों को एकजुट करने में भाजपा माहिर है।अखिलेश यादव ने इस बार ऐसा कोई मौक़ा नहीं दिया,जिसके नतीजे अब सबके सामने हैं। भाजपा की यूपी में 29 लोकसभा सीटें कम हो गईं।सपा ने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।सपा की सीटें 5 से बढ़ कर 37 हो गईं,लेकिन यूपी में विधानसभा उपचुनाव में अखिलेश यादव ने टिकट देने का फ़ार्मूला बदल लिया है। पीडीए के फ़ार्मूले में इस बार अखिलेश यादव का फ़ोकस मुस्लिम नेताओं पर है।विधानसभा की नौ में चार सीटों पर सपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं।

सपा मुखिया अखिलेश यादव 2027 विधानसभा चुनाव से पहले मैसेज देना चाहते हैं और ये मैसेज मुस्लिमों के लिए है।यूपी में 20 प्रतिशत से भी अधिक मुस्लिम वोटर हैं।अखिलेश यादव बताना चाहते हैं कि मुस्लिमों के लिए सपा के अलावा कोई विकल्प नहीं है।सपा के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे आज़म खान सीतापुर जेल में हैं।आजम खान के छोटे बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म हरदोई की जेल में बंद हैं।दोनों चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। अखिलेश यादव आज कुंदरकी में चुनावी रैली कर रहे हैं।रैली के बाद अखिलेश यादव सीधे रामपुर जायेंगे आज़म खान के परिवार से मुलाक़ात करेंगे।

अखिलेश यादव के रामपुर दौरे को मुस्लिम राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है।कुछ लोग इस बात को हवा दे रहे हैं कि आज़म खान को मुसीबत की घड़ी में उनकी क़िस्मत पर छोड़ दिया गया है।अखिलेश यादव रामपुर में आज़म खान की पत्नी तंजीन फ़ातिमा से भेंट करेंगे। खबर है कि उनकी तबियत अच्छी नहीं रहती है।तंजीन फातिमा राज्य सभा की सांसद रह चुकी हैं।

असदुद्दीन ओवैसी ने तीन विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं।ख़तरा मुस्लिम वोटों के बंटवारे का है।ओवैसी कई बार आज़म खान की तारीफ़ कर चुके हैं।आज़म खान के परिवार से मिल कर अखिलेश यादव लोगों के मन में उठ रहे सवालों को ख़त्म करने के मूड में हैं।चुनाव को लेकर अखिलेश यादव कोई ख़तरा मोल लेने को तैयार नहीं हैं।आज़म की पत्नी के साथ अखिलेश यादव की फ़ोटो सभी सवालों का जवाब हो सकता है।अखिलेश यादव और आज़म खान का रिश्ता कभी नीम तो कभी शहद वाला है।लोकसभा चुनाव में मिली शानदार कामयाबी के बाद अखिलेश यादव अब सब मीठा-मीठा ही चाहते हैं।इसीलिए अखिलेश यादव ने आज़म खान की चौखट तक जाने का फ़ैसला किया है।

admin

Himanshu Rai

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button