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मुलायम सिंह यादव पर अभद्र टिप्पणी करने वाले पर वाराणसी में मुकदमा

सरफराज अहमद

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव के ऊपर अभद्र टिप्पणी करने वाले हनुमान गढ़ी के महंत राजूदास की अमर्यादित टिप्पणी के बाद से प्रदेश के समाजवादी विचारधारा के लोगों के अन्दर आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। आज राजूदास के खिलाफ वाराणसी की सिविल कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव द्वारा मुकदमा दायर किया गया। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और आगामी 17 फरवरी को मामले की सुनवाई होगी। इस दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्ता, सजामवादी पार्टी के कार्यकर्त्ता और नागरिक समाज के लोग भी मौजूद रहे। कोर्ट में मुकदमा दायर करने वाले वकील प्रेमप्रकाश सिंह यादव ने इस दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि राजूदास ने गरीबों के मसीहा और हमारे भगवान के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करके हमारी भावनाओं को आहत करने का काम किया है। हम चाहते हैं कि ऐसे व्यक्ति को कोर्ट कड़ी से कड़ी सजा दे जिससे आने वाले समय में किसी महापुरूष का अपमान करने से पहले व्यक्ति सौ बार सोचे।

वादी वरिष्ठ अधिवक्ता रामदुलार प्रजापति ने कहा कि ऐसे महान व्यक्ति के खिलाफ इस प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी करने वाला राजूदास आज खुले में घूम रहा है और उसके खिलाफ कोई पुलिसिया कार्रवाई तक नहीं हुई। समाजवादी पार्टी के पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने कहा कि स्माजवादी लोग नेता जी के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

समाजवादी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय सचिव डॉ संजय सोनकर ने कहा कि संघ के लोग लगातार समाज को बांटने की साजिश कर रहे हैं। यह राजूदास संत के नाम पर एक धब्बा है इसे गिरफ्तार करके जेल भेजा जाना चाहिए।

समाजवादी पार्टी के अवधेश कुमार अंबेडकर ने कहा कि हम लोग न्याय और संविधान में विश्वास करने वाले लोग हैं और न्यायिक रूप से इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे। आज दाखिल वाद को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हमें उम्मीद है कि ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले व्यक्ति को उचित सजा मिलेगी।

परिवाद दाखिल करने वालों में राजेश यादव, अवधेश अम्बेडकर, डा० संजय सोनकर, राहुल यादव, कमलेश, आनन्द, आशीष, राजेश, जितेन्द्र विश्वकर्मा, सत्य प्रकाश के साथ बड़ी संख्या में सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।

aman

मैंने बतौर पत्रकार कैरियर कि शुरुआत अगस्त 1999 में हिन्दी दैनिक सन्मार्ग से किया था। धर्मसंघ के इस पत्र से मुझे मज़बूत पहचान मिली। अक्टूबर 2007 से 2010 तक मैंने अमर उजाला और काम्पैक्ट में काम किया और छा गया। राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट लांच हुई तो मुझे बुलाया गया। अक्टूबर 2010 से मार्च 2019 तक मैं राष्ट्रीय सहारा वाराणसी यूनिट का हिस्सा था। आज जब दुनिया में बद्लाव शुरू हुआ, चीज़े डिज़िटल होने लगी तो मैंने भी डिज़िटल मीडिया में बतौर सम्पादक अपने कैरियर कि नई शुरूआत दिल इंडिया लाइव के साथ की। इस समय में हिंदुस्तान संदेश में एडिटर हूं। मेरा यह प्लेट्फार्म किसी सियासी दल, या किसी धार्मिक संगठन का प्रवक्ता बन कर न तो काम करता है और न ही किसी से आर्थिक मदद प्राप्त करता है।

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