तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी
वाराणसी। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री राधामाधव लाल सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित विवाह महोत्सव के अवसर पर श्रीराधामधव की फूलों से सजे रजत सिंहासन पर दिव्य झाँकी सजायी गयी साथ ही साविधि तुलसी विवाह की रस्में पूरी की गई। कोठी की परम्परानुसार अध्यक्ष शचि कुमार साह ने तुलसी शालिग्राम विवाह की विधि सम्पन्न की। इस अवसर पर कोठी को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।
सायंकाल संगीत संध्या का आयोजन किया गया जिसमें शास्त्रीय गायिका सुश्री तेजस्वनी वर्णिकर ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां दी। उन्होंने गणपति वंदना के पश्चात राग सोहिनी में निबद्ध मध्य लय एवं द्रुत लय की बंदिश पेश किया। उसके बाद सूरदास की रचना ‘हे गोविन्द राखो शरण’, ‘राम का गुणगान करिये’, संत विट्ठल का मराठी भजन ‘माझे मादेर पंढरी’ सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत मे राग भैरवी में ‘वेंकटाचल निलयम बैकुंठ प्रवासम’ प्रस्तुत कर महोत्सव का समापन किया। उनके साथ संवादिनी पर जमुना वल्लभ दास गुजराती भैय्यन जी एवं तबले पर पंकज राय ने संगत किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में काशी के गणमान्यजन उपस्थित रहे। संयोजन शचि कुमार साह ने किया।