आरपीएफ जवान मर्डर केस में आरोपी को मिली जमानत
90 दिन में पुलिस नही दाखिल कर पाई चार्जसीट
चन्दौली । विगत महीने आरपीएफ के दो जवानों की हत्या में शामिल हत्यारोपी को कोर्ट ने जमानत दे दी है । हत्यारोपी को जमानत का लाभ पुलिस द्वारा चार्जसीट को कोर्ट में देर से जमा करना बताया जा रहा है ।
मिली जानकारी के अनुसार आरपीएफ के दो जवानों की हत्या में शामिल हत्यारोपी बिलेन्द्र पासी को
जमानत मिल गयी है । इस मामले में पुलिस की लापरवाही बताई जा रही है । बताते चले कि विवेचक 90 की जगह 92 दिन में अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था । इसी का फायदा हत्यारोपी को मिल गया और उसे जमानत मिल गयी । अदालत ने बिलेन्द्र पासी की जमानत एक लाख के निजी बंध-पत्र और एक लाख के दो जमानत बंध-पत्र (Bail Bond) दाखिल करने पर जमानत मंजूर की और उसे रिहा करने का आदेश दिया।
बताते चले कि जमानिया कोतवाली देवाइथा गांव के रहने वाले तबरेज खां ने तहरीर दी थी कि उनके भाई जावेद खां आरपीएफ में तैनात थे। वह अपने साथी आरपीएफ सिपाही प्रमोद कुमार के साथ गुवाहाटी एक्सप्रेस से बिहार प्रांत के मोकामा जा रहे थे। अज्ञात लोगों ने रास्ते में चलती ट्रेन से दोनों को बाहर फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। वादी की सूचना पर अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ और बिलेन्द्र पासी को गिरप्तार कर जेल भेज दिया था ।
गहमर पुलिस इसकी विवेचना कर रही थी । विवेचक को आरोप पत्र अदालत में 90 दिन में शामिल करना था जबकि विवेचक ने आरोप पत्र 92वें दिन दाखिल किया । इसी का फायदा आरोपी को मिला गया और उसे जमानत मिल गयी ।